नई दिल्ली 3 31, 2009
सोने की कीमतें ऊंची होने के बाद बाजार से खरीदारों के गायब होने से देश का स्वर्ण आयात लगातार दूसरे महीने मार्च में भी शून्य के बराबर रहा।
घरेलू बाजार में अभी भी सोने की कीमतें 15,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से ऊपर चल रही हैं। बंबई बुलियन एसोसिएशन के निदेशक सुरेश हुंडिया ने बताया, 'मार्च के दौरान सोने का आयात शून्य रहा क्योंकि ऊंची कीमतों की वजह से बाजार में मांग की कमी रही। जब तक कीमतें नीचे नहीं आती हैं तब तक सोने का आयात बड़ी मुश्किल से होगा।'
मार्च 2008 के दौरान सोने का आयात 21 टन रहा। जनवरी-मार्च 2009 के दौरान सोने का कुल आयात 1.8 टन रहा जबकि पिछले साल की इसी अवधि में स्वर्ण आयात 61 टन का था। यह पूछे जाने पर कि 'अक्षय तृतीया' जैसे त्योहारों में सोने की मांग बढ़ेगी हुंडिया ने कहा कि यह कीमत पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा, 'सोना खरीदने के लिए आपको धन की जरूरत पड़ती है और जब तक कीमतें नहीं घटती हैं, मांग नहीं बढ़ेगी।'
विश्लेषकों के मुताबिक सोने की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। अप्रैल में कीमतें काफी नीचे आ सकती हैं जिससे मांग बढ़ेगी। बोनांजा कमोडिटी ब्रोकर्स के सहायक उपाध्यक्ष (कमोडिटी रिसर्च) तरुण सत्संगी ने कहा कि सोने में लोगों की दिलचस्पी घटने से कीमतों में गिरावट आने की संभावना है।
उन्होंने कहा, 'अगर हाजिर बाजार में सोने की कीमतें 14,900 ररुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से नीचे जाती है तो इस बात की संभावना प्रबल है कि अप्रैल में इसकी कीमतें घट कर 13,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ जाएं।'
मंगलवार को घरेलू बाजार में सोने की कीमतें 15,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर रहीं जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 918 डॉलर प्रति औंस रहीं। ब्रोकरेज फर्म एसएमसी ग्लोबल के उपाध्यक्ष राजेश जैन का मानना है कि शेयर बाजार में होने वाला क्रमिक सुधार सोने के पक्ष में नहीं होगा।
उन्होंने कहा, 'अगर सोने की कीमतें 900 डॉलर प्रति औंस से नीचे जाती हैं तो निश्चित ही कीमतों में गिरावट आएगी।' अप्रैल में सोने की कीमतें घटने की संभावना है और घरेलू हाजिर बाजार में इसकी कीमतें 14,000 रुपये से 14,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में रहने का अनुमान है। (BS HIndi)
02 अप्रैल 2009
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