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03 अप्रैल 2009

बासमती चावल के निर्यात में गिरावट

बासमती चावल के निर्यात में गिरावट आई है। विदेशी मांग घटने से पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत से होने वाले बासमती के निर्यात में करीब एक तिहाई की गिरावट आई है। अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष विजय सेतिया के मुताबिक वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान करीब 11-12 लाख टन बासमती चावल का निर्यात होने का अनुमान है। जबकि वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान देश से करीब 17-18 लाख टन बासमती का निर्यात हुआ था। जनवरी में केंद्र सरकारी द्वारा बासमती पर से निर्यात शुल्क हटाने के बावजूद विदेशी बाजारों में मांग नहीं बढ़ सकी। न्यूनतम निर्यात कीमत 1,100 डॉलर प्रति टन होने से पाकिस्तान और दूसर निर्यातक देशों के मुकाबले भारतीय बासमती महंगा बैठ रहा है। फिलहाल वैव्श्रिक बाजार में पाकिस्तानी बासमती का भाव करीब 200 डॉलर प्रति टन सस्ता है। पिछले साल सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। ऐसे में बासमती का निर्यात बढ़ने की संभावना से इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य बढ़ाने के साथ 8,000 डॉलर प्रति टन का निर्यात शुल्क भी लगा दिया था। चालू सीजन के दौरान देश में चावल की बेहतर पैदावार और विदेशी बाजार में भाव गिरने से निर्यात में ढील दी गई है। निर्यात मांग नहीं निकलने की वजह से कारोबारियों ने सरकार से बासमती चावल की न्यूनतम निर्यात कीमत को घटाकर 900 डॉलर प्रति टन करने की मांग की है। सेतिया के मुताबिक निर्यात नहीं बढ़ने से चालू वित्त वर्ष के लिए करीब 25 लाख टन बासमती चावल का बकाया स्टॉक है। पिछले साल बकाया स्टॉक महज पांच लाख टन था। उन्होंने बताया कि बकाया स्टॉक में भारी इजाफा होने के बावजूद पिछले महीने मंत्रियों के समूह की बैठक में इस मसले पर कोई फैसला नहीं हो सका। (Business Bhaskar)

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