मुंबई April 11, 2009
मलेशिया में कच्चे पाम ऑयल के भंडार में कमी आने के बाद विदेशी बाजारों में निवेशक इस पर जोर-शोर से बोली लगाने लगे।
इसके परिणामस्वरूप मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में कच्चे पॉम ऑयल के वायदा कारोबार में 4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
कारोबार के दौरान जून के लिए किए गए वायदा सौदों में 3.99 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और इसका कारोबार प्रति 10 किलोग्राम 347 रुपये के स्तर पर हुआ, जबकि मई के लिए गए वायदा सौदों में 3.06 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार प्रति 10 किलोग्राम 342 रुपये पर हो रहा था।
इधर हाल के महीनों में किए गए वायदा सौदों में भी 2.1 फीसदी की तेजी आई और कारोबार प्रति 10 किलोग्राम 342 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। एमसीएक्सम में नजदीकी महीनों में होने वाले वायदा सौदों में इस साल 23.37 फीसदी का उछाल आया।
कांडला के हाजिर बाजार में भी सीपीओ 27 फीसदी की तेजी के साथ गुरुवार को प्रति 10 किलोग्राम 266.50 शून्य के स्तर पर बंद हुआ जबकि इस साल की शुरुआत में यह दर प्रति 10 किलोग्राम 266.50 रुपये थी।
नैशनल कमोडिटी एवं डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार अप्रैल, मई और जून के सीपीओ के वायदा सौदों में कोई बदलाव नहीं आया है और यह प्रति 10 किलोग्राम क्रमश: 325.75 रुपये, 327.30 रुपये और 328.85 रुपये रहा।
देश के दूसरे सबसे बड़े कमोडिटी एक्सचेंज के सौदों में कोई कारोबार नहीं हुआ। रॉयटर्स के द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं उसके अनुसार मलेशिया के बाजार में पॉम ऑयल के शेयर 12.8 फीसदी की गिरावट के साथ मार्च में 20 महीनों के निम्नतम स्तर पर आ गया। इससे कारोबारियों के बीच इस बात का डर पैदा हो गया कि अधिक वायदा कीमतों के कारण सबसे ज्यादा उपभोग किए जाने वाले पॉम ऑयल की आपूर्ति में बाधा आ सकती है।
निवेशकों की दिलचस्पी एक बार फिर बढ़ने से मलेशिया में पॉम ऑयल का फ्यचूर 2.9 फीसदी की तेजी के साथ छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसके पीछे कच्चे तेल और सोयाबीन तेल के बाजार से भी मिल रहे संकेतों की भी अहम भूमिका रही है जो सीपीओ केसाथ कंधे से कंधा मिला कर चल रहा है।
मलेशिया के बर्सा डेरिवेटिव एक्सचेंज में जून के बेंचमार्क कान्टैक्ट 63 रिंगिट की बढ़ोतरी के साथ 2,227 प्रति टन के स्तर पर पहुंच गया जो 29 सितंबर 2008 के बाद से सबसे उच्चतम स्तर पर आ गया है। इस बाबत एक विश्लेषक का कहना है कि इस उत्पादन में बढ़ोतरी की वजह से वजह से यह खरीदारों का बाजार बन कर रह गया है।
गौरतलब है कि इस साल चीन और भारत जा रहे शिपमेंट्स में बढ़ोतरी और सबाह और सरावक में भारी वर्षा की वजह से मलेशिया में इस साल पॉम ऑयल फ्यूचर्स में 28 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।
आपूर्ति के कम होने संबंधों की छाप शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओटी) में भी देखने को मिली जहां जुलाई सोयाबीन फ्यूचर्स के बुधवार को प्रति बशल 10 डॉलर के स्तर पर पहुंचने के साथ ही सोयाबीन फ्यूचर्स में 28 फीसदी तक ऊपर चढ़ा।
इधर मलेशियाई पॉम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) 10 अप्रैल को मार्च के महत्वपूर्ण पॉम ऑयल के शेयरों, उत्पादन और निर्यात संबंधी आंकड़े जारी करने वाला है। विश्लेषकों का मानना है कि कच्चे पाम ऑयल का उत्पादन 1.1 फीसदी बढ़कर 12 लाख टन के स्तर पर जा सकता है। (BS Hindi)
11 अप्रैल 2009
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