15 अप्रैल 2009
डेयरी व्यवसाय में पंजाब और हरियाणा अव्वल
पंजाब और हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्यों में पिछले कुछ वषों से डेयरी व्यवसाय में काफी अच्छी प्रगति हुई है। दोनों राज्यों के किसानों ने डेयरी फार्मिग को कृषि विविधिकरण के एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में अपनाया है जिससे दूध उत्पादन के क्षेत्र में इनकी तरक्की का रास्ता साफ हुआ है। पंजाब में पिछले कुछ वषों में कुल मवेशियों की संख्या जहां कम हुई है, वहीं राज्य में दूध उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है। पंजाब डेयरी विकास बोर्ड के चीफ एक्Êाीक्यूटिव ऑफिसर इंद्रजीत सिंह के अनुसार, वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन 260 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है। राज्य में पिछले वर्ष कुल 920 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हुआ है। राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता देश में सबसे अधिक 989 ग्राम प्रति व्यक्ति की है। राज्य में दूध को प्रसंस्कृत करने के लिए इस समय 65 छोटी-बड़ी दूध इकाइयां काम कर रही हैं। इनमें सहकारी क्षेत्र की 11 और निजी क्षेत्र की 54 इकाइयां हैं। राज्य में दूध के लिए डेयरी फार्म को प्रतिकिलो फैट 270 रुपये का भाव सहकारी दूध प्लांट्स द्वारा दिया जा रहा है। डेयरी विकास बोर्ड से प्राप्त सूचना के अनुसार, बोर्ड राज्य में मवेशियों की संख्या बढ़ाने की बजाए मवेशियों की नस्ल में सुधार को अधिक तवज्जो दे रहा है। राज्य में इस समय करीब 7 लाख गाय हैं। राज्य में गायों की नस्ल सुधार के लिए भ्रूण स्थानातंरण तकनीक (एम्ब्रयो ट्रांसफर टेक्नीक) आरंभ की है। इस तकनीक के लिए राज्य में दो प्रयोगशालाएं भी स्थापित की गई हैं। पंजाब में मॉडल कैटल शैड स्थापित करने वाले डेयरी फार्म को डेयरी विकास बोर्ड 1.5 लाख की सब्सिडी देता है। इसके अलावा डेयरी फार्म को प्रोत्साहित करने के लिए पशुओं का पहले वर्ष का बीमा और पशुओं की पहचान के लिए आरएफआईडी तकनीक का खर्च भी बोर्ड द्वारा वहन किया जाता है। इस तकनीक में पशुओं के कान में एक छोटी सी चिप प्रत्यारोपित की जाती है जिससे उनकी पहचान हो सकती है। पंजाब में 1992 में आरंभ की गई प्रोग्रेसिव डेयरी फार्म येाजना के भी अब काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। इस समय राज्य में प्रोग्रेसिव फार्म की संख्या करीब 3000 तक जा पहुंच गई है। इंद्रजीत ¨सह के अनुसार, राज्य का हर प्रगतिशील किसान प्रतिदिन 500 से अधिक लीटर दूध का उत्पादन करता है। राज्य में पिछले एक वर्ष में दूध उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि होने की सूचना है। राज्य में दूध भंडारण की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए बोर्ड ने हाल ही में डेयरी फार्म को बल्क मिल्क कूलर्स खरीदने पर भी 50 प्रतिशत की सब्सिडी देने की योजना आरंभ की है। राज्य में डेयरी व्यवसाय ने आप्रवासी भारतीयों को भी अपनी ओर आकषिर्त किया है और हाल के समय में विदेशों से लौटे कई आप्रवासी भारतीयों ने भी राज्य में डेयरी व्यवसाय को अपनाया है। हरियाणा में डेयरी फार्मिग की स्थिति पंजाब से काफी भिन्न है। राज्य में दूध के प्रसंस्करण का अधिकतर काम निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया जा रहा है। राज्य में इस समय दूध को प्रसंस्कृत करने के छोटे-बड़े मिला कर कुल 32 डेयरी प्लांट काम कर रहे हैं जिनमें 4 प्लांट सहकारी क्षेत्र और 28 निजी क्षेत्र के प्लांट हैं। राज्य का कुल दूध उत्पादन पिछले वर्ष लगभग 55 लाख मीट्रिक टन का रहा है। हरियाणा पशुपालन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, हरियाणा में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 660 ग्राम है जो कि देश के औसत से काफी बेहतर है। डेयरी विकास बोर्ड से प्राप्त सूचना के अनुसार, राज्य में हालांकि बोर्ड द्वारा किसी प्रकार की सब्सिडी देने की ब्यवस्था नहीं है, परंतु हरियाणा में डेयरी फार्म को दूध के लिए 280 प्रतिकिलो फैट की कीमत दी जा रही है। बोर्ड के प्लानिंग और प्रोक्योरमेंट विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में दूध के लिए उत्तर भारत में दूध के लिए सबसे अधिक कीमत दी जा रही है। (Buisness Bhaskar)
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