निर्यात पिछले साल से रहेगा कम, कीमतों में ओर गिरावट की आषंका
आर एस राणा
नई दिल्ली। देष से बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से ईरान गए प्रतिनिधिमंडल को खाली हाथ लौटना पड़ा। ईरान सरकार ने प्रतिनिधिमंडल की सिफारिषों को दरकीनार करते हुए भारत से बासमती चावल के आयात पर लगी रोक को हटाने से इंकार कर दिया। इसका असर चालू वित्त वर्श 2014-15 में देष से बासमती चावल के कुल निर्यात पर तो पड़ोगा ही, साथ में घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों में और भी गिरावट आने की आषंका बन गई है।
तेज हो गई है। ईरान से भारत से बासमती चावल के आयात पर लगी रोक को हटवाने के लिए सरकार के साथ ही उद्योग भी सक्रिय हो गया है। इसीलिए कृशि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के वरिश्ठ अधिकारियों के संग बासमती चावल के निर्यातकों का एक प्रतिनिधिमंडल 31 जनवरी को ईरान जा रहा है।
एआईआरईए के अध्यक्ष एम पी जिंदल ने मार्किट टाइम्स को बताया कि वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों संग निर्यातकों का एक प्रतिनिधिमंडल 31 जनवरी को ईरान जा रहा है। वहां आयातकों के साथ ही ईरान के उच्चाधिकारियों संग एक और दो फरवरी को बैठक होगी। बैठक में हम ईरान के अधिकारियों से बासमती चावल के आयात पर लगी रोक को हटाने की मांग करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में बासमती चावल के निर्यातकों के साथ ही एपीडा के वरिश्ठ अधिकारी व सांईटिस्ट भी ईरान जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि ईरान ने भारत से बासमती चावल के आयात पर तो प्रतिबंध लगा रखा है लेकिन ईरान के कुछ आयातकों ने आयात के लिए परमिट ले रखा है। इस समय ईरान के वहीं आयातक देष से बासमती चावल का आयात कर रहे हैं जिन्होंने परमिट ले रखा है। यही कारण है कि चालू वित वर्श 2014-15 में ईरान को बासमती चावल का निर्यात सीमित मात्रा में ही हुआ है।
एपीडा के अनुसार चालू वित वर्श 2014-15 के अप्रैल से 15 नवंबर-2014 तक निर्यात में 7 फीसदी की कमी आकर कुल निर्यात 21.92 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित वर्श की समान अवधि में 23.61 लाख टन का निर्यात हुआ था। वित वर्श 2013-14 में देष से 37.50 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था। मूल्य के हिसाब अप्रैल से नवंबर के दौरान बासमती चावल का निर्यात 17,891.99 करोड़ रूपये का हुआ है।.आर एस राणा
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