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08 अप्रैल 2009

मांग में कमी से सोयामील उत्पादन में कमी

निर्यात में आई भारी गिरावट और मंडियों में सोयाबीन की आवक में कमी के चलते इस साल सोयामील के उत्पादन में कमी आई है। चालू तेल वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के पहले छह महीनों में इसका उत्पादन पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 16 फीसदी कम हुआ है।तेल वर्ष 2008-09 के अक्टूबर से मार्च की अवधि में देश में सोयामील का उत्पादन 37.81 लाख टन हुआ है। इसमें से 25.81 लाख टन का निर्यात हुआ है। दूसरी ओर तेल वर्ष 2007-08 की इसी अवधि के दौरान देश में सोयामील का उत्पादन 44.30 लाख टन हुआ था। इसमें से 32.30 लाख टन का निर्यात हुआ था। सोयामील की घरेलू खपत करीब 9 लाख टन की है, जबकि करीब 3 लाख टन सोयामील नेपाल, पाकिस्तान और बांग्लादेश को अवैध रुप से जाता है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि दुनिया भर में छाई आर्थिक मंदी के चलते सोयामील की निर्यात मांग में कमी आई है। इसके चलते देश से इसका निर्यात कम हो रहा है। चालू तेल वर्ष के अक्टूबर-मार्च के दौरान निर्यात पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22 फीसदी कम हुआ है। साथ ही, देश की मंडियों में सोयाबीन की आवक में कमी के चलते इसकी पेराई में कमी आई है। कंपनियों को पेराई के लिए सोयाबीन नही मिल रहा है। इसके कारण कई प्लांटो में पेराई बंद हो चुकी है। जो प्लांट चल रहे है वे भी अपनी पेराई क्षमता से काफी कम पेराई कर रहे है।देश की मंडियों में अभी तक 55-60 लाख टन सोयाबीन की आवक हो चुकी है। जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 25 फीसदी कम है। राजेश अग्रवाल कहते है कि उत्पादन में कमी को देखते हुए आगे सोयाबीन के दाम बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके चलते किसानों ने सोयाबीन को बेचना कम कर दिया है। मंडियों में सोयाबीन की आवक काफी कम हो गई है। जो आवक हो रही है वह ऊंचे दामों पर बिक रही है। सोयामील के दामों में गिरावट के चलते कंपनियां ऊंचे दामों पर सोयाबीन की खरीद नही कर रही है। इसके कारण कंपनियों को पेराई बंद करनी पड़ी है। फिलहाल सोयामील के दाम 22,500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है। विश्व बाजार में इसके दाम 410 डॉलर प्रति टन है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी पैदावार के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार इस साल सोयाबीन की पैदावार 90 लाख टन हो सकती है। पहले अग्रिम अनुमान में सरकार ने सोयाबीन की पैदावार 108 लाख टन होने का अनुमान लगाया था। कुछ उत्पादक क्षेत्रों में फसल खराब होने से पैदावार में कमी का अनुमान लगाया जा रहा है। ऑयल मील निर्यात 17 फीसदी बढ़ानई दिल्ली। ऑयल मील निर्यात में पिछले वित्त वर्ष के दौरान कीमत के मामले में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। औद्योगिक आकड़ों के मुताबिक इस दौरान करीब 8,341 करोड़ रुपये के ऑयल मील का निर्यात हुआ है। वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान करीब 7,109 करोड़ रुपये के ऑयल मील का निर्यात हुआ था। हालांकि इस दौरान कुल निर्यात में गिरावट आई है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक वैव्श्रिक स्तर पर जारी मंदी के कारण मांग घटने से ऑयल मील की निर्यात मात्रा में करीब 45 फीसदी की कमी आई है। चालू वर्ष के मार्च में करीब 3,38,000 टन ऑयलमील का शिपमेंट हो सका है। एक साल पहले इस अवधि के दौरान करीब 8,53,675 टन ऑयल मील का निर्यात हुआ था। वहीं पिछले साल अप्रैल से इस साल मार्च तक करीब 5,421,607 टन ऑयल मील का निर्यात हुआ है। इससे एक साल पहले करीब 5,44,123 टन ऑयल मील का निर्यात हुआ था। (एजेंसी ) (Business Bhaskar)

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