मुंबई April 04, 2009
वाणिज्य मंत्रालय एक कारोबारी प्रतिनिधि संस्था को मनोनीत करने की तैयारी में है।
पहली बार ऐसा होगा कि संस्था के सदस्यों के लिए सोने का आयात किया जाएगा, जिससे भारत में सोने के लिए तरलता सुलभ हो जाएगी।
अब तक सोने का आयात 18 सरकारी नामित एजेंसियों तक सीमित था जिसमें बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां मसलन एमएमटीसी लिमिटेड शामिल हैं। इसी वजह से आपूर्ति में भी कमी आ गई।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन पैकेज को अंतिम रुप देते समय वाणिज्य मंत्रालय ने जेम्स ऐंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) जो देश भर में 7000 ज्वेलर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था है उससे कहा कि वह सोने का आयात कर सकती है या नहीं।
जीजेईपीसी ने मंत्रालय को सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर मौके दिए गए तो वे जरूर ऐसा कर सकते हैं। जीजेइपीसी ने सरकार से कंपनियों को सोने का आयात करने की इजाजत मांगी थी जिसका सालाना कारोबार 500 करोड़ रुपये से ज्यादा होता हो।
लेकिन सरकार ने जीजेईपीसी को कारोबारी प्रतिनिधि संस्था के सदस्यों के लिए ही सोने के वितरण और आयात के लिए इजाजत दी है। जीजेइपीसी के अध्यक्ष वसंत मेहता का कहना है, 'हमें स्वीकृति तो मिली लेकिन आधिकारिक सूचना अभी नहीं मिली है।'
आपूर्ति पर प्रतिबंध होने की वजह से खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में सोने की उपलब्धता ही बहुत बड़ा सवाल हो गई। इसी वजह से सोने शादी-ब्याह या फिर त्योहार के मौके पर सोना के लिए प्रति 10 ग्राम, 200 रुपये प्रीमियम के हिसाब से बिक्री हो रही है। (BS Hindi)
06 अप्रैल 2009
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