नई दिल्ली 04 01, 2009
लगता है कि भारतीय कॉफी विदेशी खरीदारों को आकर्षित करने में विफल रही है।
इंस्टेंट कॉफी तथा मूल्यवर्ध्दित उत्पादों की मांग घटने के कारण इस साल मार्च 2009 तक काफी निर्यात 20 प्रतिशत घटकर 55,812 टन रह गया।
कॉफी बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि कॉफी निर्यात के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार जनवरी से मार्च 2009 की अवधि में कॉफी निर्यात 55 812 टन रह गया जो पिछले साल की इसी अवधि में 70,162 टन था।
जनवरी से मार्च के दौरान इंस्टेंट कॉफी निर्यात घटकर 7,358 टन रह गया जो पिछले साल की समान अवधि में 9,100 टन था। इस दौरान मूल्यवर्ध्दित उत्पादों का उठाव घटकर 5 069 टन रह गया जो पिछले साल 10 416 टन था।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'मौजूदा वैश्विक आर्थिक मंदी का असर निर्यात पर पड़ रहा है। इसके अलावा पुन:निर्यात (मूल्यवर्ध्दित उत्पादों के उठाव) में भी गिरावट दर्ज की गई है।'
उन्होंने कहा कि बिना मूल्यवर्ध्दित उत्पादों के भी इस साल मार्च तक अस्थायी कॉफी निर्यात घट कर 50,743 टन रहा गया जबकि पिछले साल यह 59,746 टन था। रूस, कॉमनवेल्थ देश और जर्मनी भारतीय कॉफी का प्रमुख बाजार है। (BS Hindi)
03 अप्रैल 2009
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