नई दिल्ली 04 01, 2009
वायदा बाजार में चीनी की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है।
अप्रैल माह के लिए चीनी की कीमत 2100 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है जबकि सितंबर माह के लिए चीनी का वायदा भाव 2450 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर को पार कर चुका है।
अप्रैल के बाद हर माह चीनी के वायदा भाव में 100 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी है। पिछले साल के मुकाबले यह तेजी 30-35 फीसदी तक की है।
कारोबारियों के मुताबिक वायदा भाव 2450 रुपये प्रति क्विंटल होने का मतलब है कि थोक बाजार में चीनी की कीमत करीब 2700-2750 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ जाएगी क्योंकि वायदा भाव कोल्हापुर का है और वहां से दिल्ली व आसपास के थोक बाजार तक इसे लाने व मंडी शुल्क मिलाकर इसकी लागत 300-350 रुपये प्रति क्विंटल बैठती है।
कारोबारियों का कहना है कि चीनी की उपलब्धता को देखते हुए सिर्फ रिफाइन चीनी का शुल्क मुक्त आयात करके ही आने वाले समय में चीनी की कीमत पर अंकुश लगाया जा सकता है। अब तक कच्ची चीनी का आयात सिर्फ 15 लाख टन किया गया है और घरेलू चीनी के उत्पादन व पुराने स्टाक को मिलाकर चीनी की कुल उपलब्धता 200 लाख टन होती है। जबकि घरेलू खपत लगभग 235 लाख टन है।
कारोबारी कहते हैं कि सरकार ने अप्रैल, मई व जून के लिए 54 लाख टन चीनी का कोटा जारी कर दिया, लेकिन हर माह के लिए इतनी मात्रा में चीनी उपलब्ध ही नहीं है। 18 क्विंटल के हिसाब से भी सरकार को आगामी 12 माह के लिए 216 क्विंटल चीनी की आवश्यकता होगी।
कारोबारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सरकार सिर्फ चुनाव तक किसी भी कीमत पर चीनी के दाम को बढ़ने से रोकना चाहती है। तभी तो अप्रैल के लिए 19.5 लाख टन, मई के लिए 18.5 लाख टन और जून के लिए 16 लाख टन चीनी का कोटा जारी किया गया है। 13 मई को चुनाव खत्म हो रहा है। और जुलाई से ही चीनी की कीमत थोक मंडी में 26 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर जाएगी।
जुलाई माह के लिए चीनी का वायदा भाव कोल्हापुर डिलिवरी केंद्र पर 2362 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। दिल्ली व आसपास थोक बाजार तक आते-आते इसकी कीमत 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक हर हाल में चली जाएगी। जाहिर है खुदरा बाजार में इसकी बिक्री कम से कम 28 रुपये प्रति किलोग्राम होगी।
अगस्त के लिए कोल्हापुर डिलिवरी केंद्र पर चीनी के वायदा भाव 2402 रुपये प्रति क्विंटल तो सितंबर के लिए 2450 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं। दूसरी तरफ मिल मालिकों का कहना है कि आगामी सीजन में भी गन्ने का उत्पादन इस साल की तरह ही होगा। हालांकि मिल मालिक गन्ना किसानों को बुवाई के लिए अभी से चारा डालने लगे हैं। (BS Hindi)
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