कुल पेज दृश्य

12 फ़रवरी 2009

बेसमेटल्स के व्यापारी जबर्दस्त मूल्य गिरावट से मुश्किल में

बर्तन और आटो पाट्र्स बनाने वाली हजारों औद्योगिक इंकाइयों का धंधा धीमा पड़ने के बाद पिछली तेजी के दौर में भारी स्टॉक जमा करने वाले बेसमेटल्स के छोटे कारोबारियों को जबर्दस्त घाटा उठाना पड़ा है। अब मांग हल्की होने से एक ओर उनका कारोबार घट गया है, वहीं दूसरी ओर उन्हें बेसमेटल्स के मूल्य में भारी उथल-पुथल भी उन्हें जूझना पड़ रहा है। पिछले तीन महीनों में इनका कारोबार 30 फीसदी तक गिर गया है। बेसमेटल्स का उपयोग कर तमाम तरह की वस्तुएं बनाने वाली छोटी व मझोली कंपनियां बेसमेटल्स की खरीद इन छोटे व्यापारियों से करती हैं।हाल के वित्तीय संकट और मांग में कमी के चलते उन्हें अपने उत्पादन में भारी कटौती करनी पड़ी। दिल्ली के सदर बाजार स्थिति बरना गली में कारोबार करने वाले ये व्यापारी काफी हद तक छोटी बेसमेटल्स उपभोक्ता इकाइयों की मांग पर ही निर्भर हैं। दिल्ली की छोटी व मझोली कंपनियां यही से जस्ता, तांबा, निकिल और अल्यूमीनियम की खरीद करती हैं। बरना गली मर्चेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राज कुमार भरारा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि कंपनियों की ओर से आई मांग में कमी से यहां के व्यापारियों का कारोबार लगभग ठप हो गया है। पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले उपभोक्ता इकाइयों की मांग में 30-40 फीसदी की कमी आई है। इसका असर बेसमेटल्स के दामों पर दिखाई दे रहा है। इस समय सभी बेस मेटल्स के दाम अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गए है।पिछले जुलाई-अगस्त तक बेसमेटल्स में जोरदार तेजी रही थी। उस समय व्यापारियों ने ऊंचे भाव की उम्मीद में काफी स्टॉक जमा कर लिया था। लेकिन भाव तेजी से गिरते चले गए। इसी के कारण उन्हें जबर्दस्त नुकसान उठाना पड़ा। दुनिया भर की औद्योगिक उत्पादन में आई कमी से बेसमेटल्स के दाम पिछले साल जुलाई के बाद से लगातार गिर रहे है। उसी का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ रहा है। मांग में हुई कमी के चलते लंदन मेटल्स एक्सचेंज में इनके स्टॉक में भारी बढ़ोतरी आई है। इसका दबाव भी दामों पर लगातार बना हुआ है। कमोडिटी विशेषज्ञ अभिषेक शर्मा के अनुसार चीन की ओर से बेसमेटल्स की मांग में हो रही हल्की बढ़ोतरी के चलते इनके दामों में कुछ समय के लिए तेज़ी आ रही है। किंतु दुनिया भर में जारी औद्योगिक मंदी ओर एलएमई में तेज़ी से बढ़ते इनके स्टॉक को देखते हुए कहा जा सकता है कि अगली दो तिमाहियों तक इनके दामों पर दबाव बना रहेगा। उधर मेटल्स ट्रेड इंडिया के सुभाष गुप्ता के अनुसार मांग में कमी के अलावा इनके दामों में हो रहे उतार चढ़ाव से भी कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है। (BS Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: