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13 फ़रवरी 2009

पिछले साल जैसा गेहूं का रिकार्ड उत्पादन मुश्किल

इस साल देश में खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल की तरह रिकार्डतोड़ रहने की संभावना नहीं दिख रही है। अभी तक केंद्र सरकार रिकार्ड उत्पादन का दावा कर रही थी। विशेष रूप से गेहूं के उत्पादन में कमी होने की आशंका है। केंद्र सरकार द्वारा गुरुवार को जारी रबी फसल उत्पादन के दूसरे अनुमान के अनुसार वर्ष 2008-09 में कुल खाद्यान्नों का उत्पादन 22.78 करोड़ टन पर सिमट सकता है जो पिछले साल 23.07 करोड़ टन था। लेकिन सरसों के उत्पादन में जबर्दस्त बढ़ोतरी हो सकती है।कृषि मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी दूसरे आरंभिक अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2008-09 में गेहूं का उत्पादन 777.8 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले साल 785.7 लाख टन हुआ था। दोनों सीजनों को मिलाकर चावल का रिकार्ड उत्पादन होने का अनुमान है। इस साल चावल का उत्पादन पिछले साल के 826.6 लाख टन से बढ़कर 854.5 लाख टन हो सकता है। पूरे साल में मक्के का उत्पादन पिछले साल के 189.6 लाख टन से कम होकर 170.4 लाख टन होने का अनुमान है। खरीफ सीजन की दालों के उत्पादन में कमी के चलते पूरे साल के कुल दाल उत्पादन में कमी आने की आशंका है। इस साल दालों का कुल उत्पादन 142.5 लाख टन रहने का अनुमान है जो वर्ष 2007-08 में 147.6 लाख टन हुआ था। हालांकि रबी सीजन में चने के उत्पादन में बढ़ोतरी ने खरीफ के नुकसान की भरपाई हुई है। चने का उत्पादन पिछले साल के 57.5 लाख टन से बढ़कर 2008-09 में 65.4 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है। इस साल तिलहन के रिकार्ड उत्पादन का भी सरकार का पिछला अनुमान गलत साबित होने जा रहा है। इस साल उत्पादन पिछले साल से 5.39 फीसदी कम रह सकता है। फसल उत्पादन के दूसरे अनुमान के अनुसार इस साल तिलहन का कुल उत्पादन 259.6 लाख टन होगा जो वर्ष 2007-08 में 297.6 लाख टन हुआ था। इस साल सोयाबीन का उत्पादन कम होकर 90.5 लाख टन होने का अनुमान है जो 2007-08 में 109.7 लाख टन हुआ था। जबकि सरसों के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान है। इस साल सरसों का उत्पादन 69.8 लाख टन होने का अनुमान है। जो पिछले साल 58.3 लाख टन हुआ था। उल्लेखनीय है कि चालू वर्ष में गेहूं के बुवाई क्षेत्रफल में तो पिछले वर्ष के मुकाबले तो बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन समय पर वर्षा न होने से उत्पादन में कटौती की उम्मीद है। (Business Bhaskar)

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