13 फ़रवरी 2009
बांग्लादेश की मांग बढ़ने व हल्की बिकवाली से लालमिर्च मजबूत
बांगलादेश की मांग निकलने और किसानों की बिकवाली घटने से लालमिर्च पिछले तीन-चार दिनों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल महंगी हो गई है। पिछले सप्ताह देश की सबसे बड़ी मंडी गुंटूर में नई फसल की आवक बढ़कर 50-55 हजार बोरी (एक बोरी 45 किलो) की हो गई थी जिससे भावों में गिरावट बन गई थी। लेकिन गुरुवार को आवक घटकर मात्र 20 हजार बोरी की रह गई। बांगलादेश के साथ-साथ इस समय होली की घरेलू मांग भी अच्छी बनी हुई है।गुंटूर मंडी स्थित मैसर्स स्पाइसेज ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर विनय बुबना ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू सीजन में किसानों द्वारा कॉटन की बुवाई ज्यादा करने से लाल मिर्च के बुवाई क्षेत्रफल में कमी आई है। ऐसे में लालमिर्च की पैदावार पिछले साल के 150 लाख बोरी के मुकाबले घटकर 120 से 125 लाख बोरी ही होने के आसार है। गुंटूर मंडी में बकाया स्टॉक भी मात्र सात-आठ लाख बोरी ही बचा है जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले काफी कम है। वैसे भी बकाया स्टॉक में हल्का माल ज्यादा है। चालू सीजन में बुवाई से लेकर अभी तक मौसम फसल के अनुकूल रहा है। इसलिए उम्मीद है कि फटकी क्वालिटी की आवक कम और बढ़िया माल की आवक ज्यादा होगी। पिछले सप्ताह आवक बढ़ने से भाव में काफी गिरावट आ गई थी जिससे किसानों ने बिकवाली घटा दी है। जबकि इस समय बांगलादेश की मांग भी निकल रही है। जिससे तेजी को बल मिला है।उन्होंने बताया कि मध्य मार्च तक आवक का दबाव तो बनेगा ही, साथ में बांग्लादेश की घरेलू फसल की आवक भी शुरू हो जाएगी। इसलिए मार्च के दूसरे पखवाड़े में लालमिर्च के भावों में गिरावट बन सकती है। गुंटूर मंडी में तेजा क्वालिटी के भाव सुधरकर 5200-5300 रुपये, 334 के भाव 4800-4900 रुपये, सनम के 4800-4900 रुपये, ब्याडगी क्वालिटी के 4700-4800 रुपये व पांच नं0 के 4600-4900 रुपये तथा फटकी क्वालिटी के भाव 1600 से 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।मुंबई स्थित लालमिर्च के निर्यातक अशोक दत्तानी ने बताया कि पिछले तीन-चार दिनों से बांग्लादेश की अच्छी मांग बनी हुई है। बांग्लादेश की फसल जो कि मार्च के आखिर में आएगी, कमजोर है इसलिए बांग्लादेश की निर्यात मांग अभी जारी रहने के आसार हैं। हालांकि आवक बढ़ने पर लालमिर्च के भावों में गिरावट तो आएगी लेकिन पैदावार में पिछले साल के मुकाबले कमी और बकाया स्टॉक भी कम होने से उत्पादक मंडियों में लालमिर्च के भाव 4000-4500 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे जाने की संभावना नहीं जाएंगे। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर तक भारत से लालमिर्च का निर्यात 141,000 टन का ही हुआ है जोकि बीते वर्ष की समान अवधि के 149,755 टन से कम है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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