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03 फ़रवरी 2009

अनाज खरीद के लिए एजेंसियों को जूट बोरियों से सीमित छूट

सरकार ने अनाजों की पैकिंग के लिए जूट बोरियों के प्रयोग के मामले में सरकारी खरीद एजेंसियों को बड़ी राहत दी है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की मांग पर टेक्सटाइल मंत्रालय ने इन एजेंसियों को रबी सीजन के लिए जूट बोरियों में अनाजों की पैकिंग की अनिवार्यता में छूट दे दी है। इस फैसले के बाद फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) और राज्यों की खरीद एजेंयां जूट की बोरियो के बजाय प्लास्टिक की बोरियों में खाद्यान्न की पैकिंग कर सकेंगी। इन एजेंसियों को अधिकतम दो लाख गांठ (एक गांठ में 500 बोरियां) बोरियां इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। चीनी मिलों को इस मामले में कोई राहत नहीं दी गई है। जूट पैकेजिंग (जेपीएम) एक्ट के अनुसार सरकारी एजेंसियों और चीनी मिलों को जूट की बोरियों में पैकिंग करना अनिवार्य है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने हाल में मांग की थी कि बाजार में जूट बोरियों की कमी को देखते हुए अनाजों की पैकिंग के लिए जूट के साथ दूसरे पदार्थो जैसे प्लास्टिक की बनी बोरियों के उपयोग की अनुमति दी जाए। इसके बाद टेक्सटाइल मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है। रबी सीजन के लिए सरकारी एजेंसियों को अनाजों की पैंकिग के लिए कुल 9 लाख गांठ की आवश्यकता है। हर माह एजेंसियों को करीब 1.7 लाख गांठ बोरियों की आवश्यकता होती है। जबकि जूट मिलों से प्रति माह केवल 1.6 लाख गांठ बोरियों की ही सप्लाई है। इसके अलावा इस साल सरकारी एजेंसियों द्वारा रिकार्ड अनाजों की खरीद को देखते हुए जूट बोरियों की मांग बढ़ गई है। दूसरी ओर चीनी मिलों को जूट की बोरियों के उपयोग के मामले में कोई छूट नहीं दी गई है। उनके लिए जूट की बोरियों में चीनी की पैकिंग करना आगे भी अनिवार्य होगा। जबकि चीनी मिलें लगातार इसमें छूट की मांग करती रही है। चीनी मिलों को सालाना 2.88 लाख गांठ जूट बोरियों की जरूरत होती है।गौरतलब है कि पिछले साल देश में रिकार्ड गेहूं और धान का उत्पादन होने से सरकारी एजेंसियों ने इसकी भारी मात्रा में खरीद की है। जिसमें पैकेजिंग के लिए जूट बोरियों का ही इस्तेमाल हुआ है। इस साल भी देश में चावल का उत्पादन बढ़ा है। साथ ही सरकार ने चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं के उत्पादन में भी इजाफा होने की संभावना जताई है। ऐसे में अप्रैल में नए गेहूं मार्केटिंग सीजन शुरू होने पर खरीद एजेंसियों को दिक्कतें आ सकती है। इस साल घरलू बाजरों में कम उपलब्धता की वजह से जूट की कीमतों में भी तगड़ा इजाफा हुआ है। मौजूदा समय में कोलकाता में रॉ जूट का भाव 2100 रुपये प्रति `िं टल से ऊपर चल रहा है। (Business Bhaskar)

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