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03 फ़रवरी 2009

बंदिशों के बावजूद पिछले वर्ष 29 लाख टन चावल निर्यात

केंद्र सरकार द्वारा तमाम अवरोध पैदा करने के बावजूद पिछले साल जनवरी से सितंबर के दौरान करीब 29 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है। जिसमें करीब 19 लाख टन गैर बासमती और दस लाख टन बासमती चावल है। गौरतलब है कि पिछले साल के दौरान घरलू बाजारों में चावल की बढ़ती कीमतें पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने चावल निर्यात के राह में कई बाधाएं खड़ी की। सरकार का मकसद निर्यात को हतोत्साहित कर घरलू बाजारों में उपलब्धता बढ़ाना था। इसके लिए चावल के निर्यात पर अतिरिक्त कर लगाने के साथ इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य में तगड़ा इजाफा भी किया गया। लेकिन भारतीय चावल महंगा होने के बावजूद सऊदी अरब, बांग्लादेश, यूएई और स्वीडन में इसकी मांग ज्यादा रही। ऐसे में इन देशों में बासमती और गैर बासमती दोनों चावलों का निर्यात जारी रहा। अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक हालांकि इस दौरान श्पिमेंट में गिरावट आई है। लेकिन कुछ देशों में भारतीय चावल की मांग लगातार बनी रही। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जनवरी के दौरान करीब 6.6 लाख टन चावल का निर्यात हुआ है। जबकि इसके बाद के महीनों में सरकारी कदम उठाए जाने की वजह से निर्यात में कमी रही। इस दौरान घरलू बाजारों में लगातार बढ़ रही चावल की कीमतों पर नकेल के लिए केंद्र सरकार ने कई बार कड़े कद उठाए। जिसके तहत गैर बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य साल भर के दौरान करीब पांच सौ डॉलर से बढ़कर करीब 650 डॉलर प्रति टन हो गया। वहीं अप्रैल में कुछ देशों के लिए निर्यात पर प्रतिबंध के बाद महज कुछ ही देशों में निर्यात को अनुमति थी। जिसका असर चावल के कुल निर्यात पर देखा गया।वहीं पिछले साल बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को भी 950 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 1200 डॉलर प्रति टन कर दिया गया। साथ ही इसके निर्यात पर आठ हजार रुपये प्रति टन का अतिरिक्त शुल्क भी लगाया गया। लेकिन इतना होने के बावजूद निर्यात जारी रहा। इस दौरान सऊदी अरब को करीब 5.21 लाख टन, यूएई को दो लाख टन और कामरून को करीब 1.19 लाख टन भारत से बासमती चावल का निर्यात हुआ। सरकार ने अब बासमती के एमईपी में सौ डॉलर की कटौती की है। वहीं आठ हजार टन के निर्यात शुल्क को भी हटा लिया गया है। लेकिन जानकारों का मानना है कि केंद्र सरकार के इस कदम के बावजूद निर्यात में इजाफे की संभावना इस साल बेहद कम है। (Business Bhaskar)

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