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17 फ़रवरी 2009

किसानों को अभी मिलती रहेगी ब्याज सब्सिडी

वित्त मंत्री के रूप में अगले चार महीने के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश की सफलता का असली नायक किसान है। इसके साथ ही उन्होंने चुनावी वर्ष को ध्यान में रखकर किसानों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इसके तहत वर्ष 2009-10 में भी किसानों को तीन लाख रुपये तक के अल्पकालिक फसल ऋण सात फीसदी की रियायती ब्याज दर पर मिलते रहेंगे। हालांकि, बजट में कृषि क्षेत्र के लिए आयोजना व्यय में मामूली बढ़ोतरी की गई है। वित्त वर्ष 2008-09 में इसके लिए संशोधित अनुमान 9568 करोड़ रुपये का है, जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में इस क्षेत्र के लिए 9660 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अपने बजट भाषण में प्रणब ने यूपीए सरकार की चार साल की उपलब्धियों का ज्यादा उल्लेख किया। कृषि की वार्षिक विकास दर पिछले चार सालों में 3.7 फीसदी बढ़ी है। इस अवधि के दौरान खाद्यान्न उत्पादन में हर वर्ष एक करोड़ टन की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2007-08 में देश में खाद्यान्न उत्पादन रिकार्ड बढ़ोतरी के साथ 23 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया था। चालू वर्ष में भी मौसम अनुकूल रहा है जिससे खाद्यान्न उत्पादन में इजाफा होने की आशा है। किसानों की मदद की खातिर पिछले पांच सालों के दौरान जहां धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 550 रुपये से बढ़ाकर 900 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, वहीं गेहूं का एमएसपी भी इस दौरान 630 रुपये से बढ़ाकर 1080 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंचा दिया गया है। किसानों को उचित दाम देने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्यान्न की सुगम सप्लाई बनाए रखने के लिए पिछले वर्ष जहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रिकार्ड 227 लाख टन गेहूं की खरीद की गई, वहीं 285 लाख टन चावल की भी खरीद की गई। मुखर्जी ने किसानों के 65,300 करोड़ रुपये के कर्ज की माफी को सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे करीब 3.6 करोड़ किसानों को ऋण से मुक्ति मिली है। (Business Bhaskar)

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