नई दिल्ली February 04, 2009
चावल व गेहूं की कीमतों के विपरीत दाल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। अरहर एवं मसूर की दालों में तेजी है तो मूंग व उड़द के भाव भी कम नहीं होने जा रहे हैं।
हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि चना दाल के समर्थन से अन्य दालों की कीमत में ज्यादा तेजी नहीं आएगी। लेकिन मसूर दाल को छोड़कर अन्य दालों की कीमतों में गिरावट के भी कोई आसार नहीं हैं।
दाल के थोक कारोबारियों के मुताबिक अरहर दाल की आपूर्ति खपत के मुकाबले 20-25 फीसदी कम है। इस दौरान अरहर की आवक मुख्य रूप से महाराष्ट्र व कर्नाटक से होती है। लेकिन दोनों ही जगहों पर बारिश की कमी के कारण फसल कमजोर रही। इसलिए बाजार में इन दिनों अरहर दाल की भारी कमी बतायी जा रही है और अरहर की आपूर्ति मुख्य रूप से वर्मा से हो रही है।
अरहर लेमन की थोक कीमत मंगलवार को 4700 रुपये तो महाराष्ट्र से आने वाली अरहर की कीमत 5100-5200 रुपये प्रति क्विंटल रही। इसके अलावा मूंग व उड़द की आपूर्ति भी वर्मा से हो रही है।
गत नवंबर माह में हरियाणा से होने वाली अरहर की आपूर्ति भी कमजोर रही। आगामी मार्च में अरहर की आपूर्ति मध्य प्रदेश से शुरू होगी। लेकिन यहां से सीमित मात्रा में दाल की आपूर्ति होती है। लिहाजा कीमत में गिरावट की कोई संभावना नहीं है।
मसूर दाल की कीमत में मार्च के दौरान 1000 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट हो सकती है। मसूर रबी की फसल है और फरवरी से इसकी आवक शुरू हो जाएगी। मसूर साबूत की कीमत इन दिनों 5200 रुपये तो मसूर छिलका की कीमत 4500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर कायम है।
नवंबर के दौरान मसूर की दाल 6300 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही थी। दाल मिल एसोसिएशन के प्रधान अशोक गुप्ता ने बताया कि मसूर की फसल मुख्य रूप से मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में होती है। और दोनों ही जगहों पर इसकी फसल इस बार अच्छी है। इसलिए कीमत में 1000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की गिरावट हो जाए तो भी आश्चर्य की बात नहीं है।
मूंग की दाल की कीमत फिलहाल 40 रुपये प्रति किलोग्राम है तो उड़द दाल की कीमत 30-32 रुपये प्रति किलोग्राम। मूंग की आवक इन दिनों बांसवाड़ा से हो रही है। अरहर में तेजी के कारण इनकी कीमत में भी गिरावट की कोई संभावना नहीं है।
कारोबारियों के मुताबिक चने के दाम फिलहाल 2250-2300 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है और आगे भी इसकी कीमत में कोई बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। लिहाजा चने की दाल के समर्थन से अन्य दालों की कीमतों में बहुत बढ़ोतरी नहीं होगी। (BS Hindi)
04 फ़रवरी 2009
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