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16 फ़रवरी 2009

इस साल भी तेल कीमतें नहीं जाएंगी 40 डॉलर प्रति बैरल से पार

कुवैत: कुवैत के एक तेल अधिकारी ने कहा है कि अगर मार्च में प्रस्तावित बैठक में ओपेक रोजाना 20 लाख बैरल से भी अधिक कटौती का निर्णय करता है तो उसके बाद भी तेल की कीमतें 40 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नहीं जाएंगी। कुवैत की एनर्जी के लिए निर्णय लेने वाली प्रमुख संस्था सुप्रीम पेट्रोलियम काउंसिल के सदस्य मूसा मारफाई का कहना है कि पिछले बार ओपेक ने तेल में कटौती करने का निर्णय लिया था, लेकिन कुछ सदस्य देशों ने इसमें पूरा सहयोग नहीं किया। इस कारण बाजार में मांग से काफी ज्यादा आपूर्ति बनी हुई है। इसके अलावा वैश्विक मंदी की वजह से भी तेल की मांग कम बनी रहेगी। हालांकि, तेल के दाम गिरने के बाद नए तेल कुओं और रिफाइनिंग क्षमता बढ़ाने में निवेश घटा है, इससे लंबे समय में तेल की कीमतों में उछाल आएगा। उनका कहना है, 'क्रूड ऑयल की कीमतों में तेज गिरावट के कारण कई अंतरराष्ट्रीय तेल कंपनियों ने नए ऑयलफील्ड में निवेश योजनाओं को टाल दिया है। इस कारण लंबे समय के हिसाब से देखें तो उत्पादन में कमी आएगी और कीमतों को ऊपर चढ़ने में मदद मिलेगी।' जुलाई में क्रूड की कीमतें अपने उच्चतम स्तर 147.27 डॉलर प्रति बैरल पर थीं, लेकिन वैश्विक मंदी के कारण तब से इसमें काफी गिरावट आ चुकी है। शुक्रवार को अमेरिका के नायमेक्स पर मार्च डिलीवरी वाले क्रूड ऑयल की कीमतें 37.51 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुई। कीमतों में तेजी लाने के लिए सितंबर से अब तक ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) रोजाना 42 लाख बैरल उत्पादन कटौती करने पर सहमत हो चुका है। दुनिया की रोजाना मांग का यह पांच फीसदी है। सप्लाई पॉलिसी को लेकर ओपेक की अगली बैठक 15 मार्च को होनी है। उधर, इंडोनेशिया ने रविवार को कहा कि इस साल भी तेल की कीमतें 40-60 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहेंगी। इंडोनेशियाई वित्त मंत्री श्री मुलयानी इंदावती ने बताया, 'क्रूड ऑयल की कीमत 40-60 डॉलर प्रति बैरल के बीच रहने की संभावना है। राज्य के बजट कैलकुलेशन के लिए हम इसे 45 डॉलर प्रति बैरल मानकर चल रहे हैं।' (ET Hindi)

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