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05 फ़रवरी 2015

होली के बाद लालमिर्च में निर्यात मांग बढ़ने की उम्मीद


आर एस राणा
नई दिल्ली। लालमिर्च में इस समय निर्यातकों के साथ-साथ घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग कमजोर है। आंध्रप्रदेष में लालमिर्च की दैनिक आवक बढ़ रही है तथा चालू महीने के आखिर तक आवकों का दबाव बन जायेगा। होली के बाद लालमिर्च में निर्यातकों के साथ ही घरेलू मांग तो बढ़ेगी, लेकिन स्टॉकिस्ट को मौजूदा कीमतों में 800 से 1,000 रूपये प्रति क्विंटल गिरावट आने के बाद ही स्टॉक करना चाहि। वैसे भी चालू सीजन में लालमिर्च की पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है।
लालमिर्च के निर्यातक अषोक दत्तानी ने बताया कि लालमिर्च में इस समय निर्यात मांग कमजोर है तथा आयातक देष फसल का आकलन कर रहे हैं। मार्च मध्य तक उत्पादन की तस्वीर साफ हो जायेगी, ऐसे में होली के बाद निर्यात मांग में तेजी आयेगी। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में लालमिर्च की पैदावार 1.25 करोड़ बोरी (एक बोरी-45 किलो) से ज्यादा होने का अनुमान है, हालांकि मार्च के षुरू में फसल उत्पादन अनुमान का सही आंकड़ा पता चलेगा। नई फसल के समय कोल्ड स्टोर में करीब 12-15 लाख बोरी पुराना स्टॉक भी बचा हुआ है।
लालमिर्च के थोक कारोबारी विनय बूबना ने बताया कि चालू महीने के आखिर तक लालमिर्च की आवकों का दबाव बन जायेगा जिससे कीमतों में हल्की गिरावट आ सकती है। ऐसे में स्टॉकिस्टों को गिरावट का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस गुंटूर में करीब 20,000 बोरी की आवक हो रही है तथा 334 क्वालिटी के भाव गुरूवार को 7,500 से 8,000 रूपये और तेजा क्वालिटी के 7,200 से 9,000 रूपये प्रति क्विंटल रहे। उन्होंने बताया कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लालमिर्च के दाम 1,000 से 1,200 रूपये प्रति क्विंटल उपर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस समय कुल दैनिक आवक में से 50 फीसदी माल कोल्ड स्टोर में जा रहा है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित वर्श 2014-15 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) के दौरान लालमिर्च के निर्यात में 17 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात 161,000 टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 137,623 टन का निर्यात हुआ था। विष्व बाजार में लालमिर्च का भाव 2.87 डॉलर प्रति किलो चल रहा है। मसाला बोर्ड ने चालू वित वर्श में तीन लाख टन लालमिर्च के निर्यात का लक्ष्य तय किया है।....आर एस राणा

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