बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
सस्ते भाव पर आलू बेचने की किसानों की विवशता को देखकर सरकार ने फैसला कियाफसल की दुर्गतिआलू पैदावार बढ़कर ४ करोड़ टन से ज्यादा का अनुमानपिछले साल आलू का उत्पादन 3.65 करोड़ टन का हुआ थाआजादपुर मंडी में आलू के थोक दाम घटकर 2.5 से 3 रुपये प्रति किलो रह गएआलू किसानों को राहत देने के लिए कृषि मंत्रालय ने पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की सरकारों को मार्केट इंटरवेंशन स्कीम (एमआईएस) के तहत आलू की खरीद करने के निर्देश दिए हैं। आलू की बंपर पैदावार के कारण कई राज्यों में लागत भी वसूल न होने के कारण किसान आलू को सड़कों पर फेंकने को मजबूर हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने एमआईएस के तहत आलू खरीद करने की योजना बनाई है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 19 दिसंबर को मंत्रालय ने पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार को एमआईएस के तहत आलू खरीद करने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद है रि जल्दी ही इन राज्यों में आलू की खरीद नेफेड और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा शुरू कर दी जाएगी, जिससे किसानों को उचित दाम मिल सकें।
उन्होंने बताया कि चालू सीजन में आलू की बंपर पैदावार हुई है जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एन एचबी) के अनुसार वर्ष 2010-11 में देश में आलू की पैदावार बढ़कर चार करोड़ टन से ज्यादा होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल इसका उत्पादन 3.65 करोड़ टन का हुआ था।
उन्होंने बताया कि एमआईएस के तहत केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर उन जिंसों की खरीद करती हैं, जिनका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सरकार तय नहीं करती और बंपर पैदावार होने के एवज में किसान अपनी उपज को लागत से भी कम मूल्य पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं। एमआईएस के तहत खरीदे जाने वाली जिंसों को बेचने में होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र और राज्य सरकारें पचास-पचास फीसदी के आधार पर करती हैं।
भले ही उपभोक्ताओं को आलू आठ-दस रुपये प्रति किलो के भाव पर मिल रहा हो, लेकिन किसान एक से दो रुपये प्रति किलो की दर से आलू बेचने को मजबूर हैं। एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी आजादपुर में आलू के थोक दाम घटकर 2.5 से 3 रुपये प्रति किलो रह गए हैं। आलू के थोक कारोबारी ओ. पी. शर्मा ने बताया कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में किसान कोल्ड स्टोर से पुराना आलू नहीं उठा रहे हैं जिससे कोल्ड स्टोर मालिक इसको निकाल कर फेंक रहे हैं। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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