चंडीगढ़ December 05, 2011
अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले साल पंजाब में 45 लाख टन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता का निर्माण हो जाएगा। निजी उद्यम गारंटी योजना (पीईजीएस) के तहत भारतीय खाद्य निगम पहले ही निजी उद्यमी को निविदा आवंटित कर चुका है। केंद्र की इस योजना के तहत नवंबर 2012 में ऑपरेशन शुरू होने की संभावना है। इसके बाद एफसीआई द्वारा नियुक्त नोडल एजेंसी पनग्रेन बाकी 5 लाख टन भंडारण क्षमता के निर्माण के लिए निविदा जारी करेगा। केंद्र पहले ही इसकी मंजूरी दे चुका है। यहां इस बात का उल्लेख महत्वपूर्ण है कि राज्य में भंडारण की अतिरिक्त क्षमता की काफी जरूरत है क्योंकि केंद्रीय भंडार में गेहूं व चावल का योगदान करने वाला यह प्रमुख राज्य है। साथ ही पंजाब के कृषि वैज्ञानिकों ने भंडारण की सुविधा के अभाव से खाद्यान्न के सडऩे और इसकी आर्थिक लागत पर चिंता जताई है। इसके समाधान के लिए एफसीआई ने पीईजीएस योजना के तहत करीब 50 लाख टन भंडारण की अतिरिक्त क्षमता का आवंटन किया है। पंजाब में फिलहाल भंडारण की बाबत 60-80 लाख टन क्षमता का अभाव है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि भंडारण क्षमता के निर्माण में निजी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। मौजूदा समय में पंजाब में 20 लाख टन अनाज के भंडारण की सुविधा है। राज्य में 1 करोड़ टन क्षमता के बंद भंडार हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर अवैज्ञानिक हैं। इसके अलावा 105 लाख टन भंडारण की सुविधा खुले में है, जिससे काफी ज्यादा नुकसान होता है।एफसीआई के सूत्रों ने कहा - पीईजीएस के तहत राज्य में भंडारण क्षमता के निर्माण के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे और 45 लाख टन भंडार की क्षमता के निर्माण को अंतिम मंजूरी दी गई है। इन भंडार गृहों में कई जिंस रखे जाएंगे। प्रस्तावित बुनियादी ढांचे के निर्माण पर करीब 1600 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है, जिसमें जमीन की लागत शामिल नहीं है। जमीन की लागत हालांकि 225 करोड़ रुपये होगी।राज्य में भंडारण की अधिकतम क्षमता का निर्माण सोमा पंजाब वेयरहाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड करेगी, जो 579.30 करोड़ रुपये की लागत से राज्य में 12 स्थानों पर 12 गोदाम बना रही है। ये गोदाम संगरूर, फरीदकोट, मानसा, बठिंडा, मोगा, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब जिलों में बनाए जाएंगे।एफसीआई के सूत्रों ने कहा कि बाकी 5 लाख टन भंडारण की क्षमता के निर्माण के लिए जल्द ही पनग्रेन निविदा जारी करेगा। (BS Hindi)
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