बिजनेस भास्कर नई दिल्ली
ज्यादा उत्पादन के चलते घरेलू बाजार में सुस्त दामों से परेशान चीनी मिलों को विदेशी बाजार से भी राहत नहीं मिल रही है। विदेशी बाजार में चीनी के दाम 600 डॉलर प्रति टन से नीचे चले गए हैं। इससे चीनी मिलों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें चीनी के निर्यात से भी कोई राहत मिलने की उम्मीद खत्म हो रही है।
चालू पेराई सीजन 2011-12 (अक्टूबर से सितंबर) में 15 दिसंबर तक चीनी के उत्पादन में 18.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन में अभी तक 45.84 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 38.63 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में 15 दिसंबर तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 17.50 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 16.25 लाख टन का उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में अभी तक 12.85 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक 8.55 लाख टन का उत्पादन हुआ था। उधर कर्नाटक में चालू सीजन में पिछले साल के 7.35 लाख टन से बढ़कर चालू पेराई सीजन में अभी तक 8.25 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है।
इस्मा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी के दाम घटकर 600 डॉलर प्रति टन से भी नीचे आ गए हैं जबकि नवंबर में दाम 700 डॉलर प्रति टन से ऊपर थे। ऐसे में निर्यातकों का मार्जिन पहले की तुलना में कम हो गया है। घरेलू बाजार में पिछले आठ-दस दिनों में चीनी की कीमतों में करीब 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स-फैक्ट्री भाव घटकर सोमवार को 2,900 से 3,050 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में 3,100 से 3,150 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। मुंबई में चीनी का भाव घटकर 2,950 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
इस समय देशभर में 452 चीनी मिलों में गन्ने की पेराई आरंभ हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 445 मिलों में पेराई चल रही थी। महाराष्ट्र में चालू सीजन में मिलों में गन्ने की पेराई में देरी हुई है। इस्मा के अनुसार चालू पेराई सीजन में देश में चीनी का उत्पादन बढ़कर 260 लाख टन होने का अनुमान है जबकि खाद्य मंत्रालय का उत्पादन अनुमान 246-250 लाख टन का है। देश में चीनी की सालना खपत 220-225 लाख टन की होती है। पिछले पेराई सीजन में देश में चीनी का उत्पादन 243 लाख टन का हुआ था। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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