सरकार प्याज की घटती कीमतों से परेशान किसानों को राहत देने के लिए न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) में 50 डॉलर प्रति टन की और कटौती कर सकती है। नवंबर महीने में सरकार ने दो बार प्याज के एमईपी में क्रमश: 125 और 100 डॉलर प्रति टन की कटौती की थी।
सितंबर के मुकाबले अक्टूबर महीने में प्याज का निर्यात 29.5 फीसदी कम हुआ है जबकि महाराष्ट्र के बाद गुजरात में भी नई फसल की आवक शुरू हो गई है। जिससे उत्पादक मंडियों में प्याज का दाम घटकर तीन से सात रुपये प्रति किलो रह गया।
उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कृषि मंत्रालय ने प्याज के एमईपी में और कटौती की सिफारिश की है। वैसे भी खरीफ की नई फसल आने से राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात की मंडियों में प्याज के दाम लगातार घट रहे हैं। इसलिए मौजूदा एमईपी में और भी 50 डॉलर प्रति टन की कटौती करने पर विचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर महीने में केवल 93,000 टन प्याज का ही निर्यात हुआ है जबकि सितंबर महीने में 1.32 लाख टन का निर्यात हुआ था। इस समय प्याज का एमईपी 250 डॉलर प्रति टन है।
सरकार ने 18 नंवबर को प्याज के एमईपी में 125 डॉलर और फिर 28 नवंबर को 100 डॉलर की कटौती की थी। चालू वित्त वर्ष 2011-12 के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 8.56 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 10.14 लाख टन का निर्यात हुआ था। एनएचआरडीएफ के अनुसार वर्ष 2011-12 में प्याज का उत्पादन बढ़कर 151 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 145 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
गुजरात ओनियन कंपनी के डायरेक्टर सुरेंद्र साहनी ने बताया कि महाराष्ट्र के बाद गुजरात में भी नए प्याज की आवक शुरू हो गई है। नासिक मंडी में प्याज का भाव घटकर 4,00 से 700 रुपये और राजस्थान की मंडियों में 3,00 से 5,00 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। गुजरात की मंडियों में 90 से 120 रुपये प्रति 20 किलो प्याज बिक रहा है।
दिल्ली में प्याज का भाव घटकर 5,00 से 600 रुपये प्रति क्विंटल रह गया तथा दिल्ली में दैनिक आवक 30 से 35 हजार कट्टों (एक कट्टा-40 किलो) हो रही है इसमें 90 से 95 फीसदी आवक राजस्थान से हो रही है। चालू महीने के आखिर में महाराष्ट्र से और जनवरी के पहले सप्ताह में गुजरात में प्याज की आवक बढ़ जाएगी जिससे दाम घटने की ही संभावना है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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