आर.एस. राणा नई दिल्ली
सरकार जल्दी ही खिलौने की बिक्री के लिए आईएसआई मार्क अनिवार्य करने जा रही है। भारत में चीन से बड़े पैमाने पर खिलौनों का आयात होता है और आयातित खिलौनों में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल होता है जिसका असर बच्चों की सेहत पर पड़ता है। खिलौना निर्माता घरेलू कंपनियों के साथ ही आयातकों को भी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा और अपने उत्पादों का स्वयं मूल्यांकन करके आईएसआई मार्क लगाना होगा। इसका पालन न करने वाली कंपनियों के खिलाफ दंड व सजा का प्रावधान होगा। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि काफी समय से शिकायत आ रही थी कि खिलौने बनाने में कंपनियां घातक रसायनों का प्रयोग करती हैं, खासकर चीन से आयातित खिलौनों में ज्यादा घातक रासायनिकों का प्रयोग होता है। यह बच्चों की सेहत के लिए काफी हानिकारक है। कंपनियां आपसी होड़ में सस्ते खिलौने बनाने के लिए खतरनाक केमिकल का प्रयोग करती हैं जिसका बच्चों के सेहत पर विपरीत असर पड़ता है। इसीलिए सरकार ने खिलौना बनाने वाली घरेलू कंपनियों के साथ ही खिलौनों का आयात करने वाली कंपनियों के लिए भी आईएसआई मार्क अनिवार्य करने का निर्णय लिया है। इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जा चुके हैं तथा जल्दी ही इन्हें अनुमति के लिए कैबिनेट कमेटी के पास भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि खिलौना निर्माता कंपनी या फिर आयातकों को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के पास कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद कंपनियां अपने उत्पादों का स्वयं मूल्यांकन करेगी। सरकारी आदेश जारी होने के बाद अगर कोई कंपनी इन नियमों का पालन नहीं करेगी तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत सजा और दंड का भी प्रावधान होगा। इसमें कंपनी पर एक लाख का जुर्माना या फिर दो साल की सजा का प्रावधान होगा। साथ ही सजा और जुर्माना दोनों का भी प्रावधान होगा। (Business Bhaskar...R S Rana)
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