आर.एस. राणा नई दिल्ली
खाद्य मंत्रालय नए गोदाम बनाने की अपनी योजना पर जिस तरह आगे बढ़ रहा है, इससे उसे भरोसा है कि मार्च 2012 तक वह 40 लाख टन भंडारण के नए गोदाम विकसित कर लेगा। इससे खाद्यान्न भंडारण में आ रही समस्या कुछ हद तक सुलझ सकती है। मंत्रालय द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) विभिन्न राज्यों में अभी तक 109 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता को मंजूरी दे चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा मंजूरी पंजाब में 42.2 लाख टन और हरियाणा में 20.18 लाख टन की है। सरकार ने 151 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है। खाद्यान्न भंडारण की समस्या को दूर करने के लिए खाद्य मंत्रालय काफी सक्रिय है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि एचएलसी अभी तक 109 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता को मंजूरी दे चुकी है तथा बाकी को भी जल्दी ही मंजूरी दी जाएगी। अभी तक 4.75 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार भी हो चुकी है तथा यह भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को सौंपी जा चुकी है। मंत्रालय ने 40 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता मार्च 2012 तक तैयार करने का लक्ष्य तय किया है। जबकि कुल 151 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता मार्च 2013 तक पूरी होने की संभावना है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत दस साल और सात साल के लिए संशोधित गारंटी योजना के तहत भंडारण क्षमता बढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा पंजाब में 51 लाख टन की अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता तैयार करनी है। इसमें से एचएलसी अभी तक 42.2 लाख टन को मंजूरी दे चुकी है तथा बाकी के लिए निविदाएं मांगी गई है। इसी तरह से हरियाणा में कुल 40.55 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता बनानी है जिसमें से अभी तक एचएलसी 20.18 लाख टन को मंजूरी दे चुकी है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 3.6 लाख टन की अतिरिक्त खाद्यान्न की भंडारण क्षमता विकसित करनी है जिसमें से एचएलसी 2.48 लाख टन को मंजूरी दे चुकी है। राजस्थान में इसके तहत 2.5 लाख टन की भंडारण क्षमता बढ़ानी है जिसमें से 2.2 लाख टन को मंजूरी दी जा चुकी है। केंद्रीय पूल में एक नवंबर को 559.01 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है। इसमें 260.83 लाख टन चावल और 296.71 लाख टन गेहूं है। एक अप्रैल 2011 को एफसीआई की स्वयं अपनी और किराये पर मिलाकर कुल भंडारण क्षमता (कवर और प्लिंथ) 316.1 लाख टन की है। खरीफ विपणन सीजन में चावल की सरकारी खरीद चल रही है जबकि रबी विपणन सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद अप्रैल से शुरू होगी। (Business Bhaskar......R S Rana)
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