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30 दिसंबर 2011

कृषि मंत्रालय को दाल उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद

मुंबई December 29, 2011




कृषि मंत्रालय को उम्मीद है कि साल 2011-12 में 220-230 लाख टन दालों का उत्पादन होगा जबकि साल 2010-11 में 18.09 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, असमय हुई बारिश के चलते खरीफ सीजन में दलहन का 6-7 लाख हेक्टेयर रकबे में फसल खराब हुई है, लेकिन सरकार ने रबी सीजन में किसानों को दलहन की बुआई के प्रति उत्साहित करने के लिए 800 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोत्साहन के बाद दलहन का कम से कम 4-5 लाख हेक्टेयर रकबा बहाल होने की उम्मीद है। 800 करोड़ रुपये का आवंटन दलहन व तिलहन के लिए जारी सामान्य योजनाओं के अतिरिक्त है। किसानों को भी दो नकदी फसलों के बीच इंटरक्रॉप के तौर पर दलहन उत्पादन की सलाह दी गई है।
कृषि मंत्रालय का अनुमान दालों के उत्पादन पर उद्योगों के अनुमान के उलट है, जिसमें कहा गया है कि दालों का उत्पादन 5-7 फीसदी घटकर 170 लाख टन पर आ जाएगा जबकि पहले 180.5 लाख टन दालों के उत्पादन का अनुमान था। इस फसल के बेहतर विपणन के लिए कृषि मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दी है कि वह मिड डे मील बांटने वाले स्थानीय स्कूलों व आंगनवाड़ी को दालों की खरीद के लिए स्थानीय किसानों से गठजोड़ करने को कहे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भविष्य में भी खाद्य गारंटी योजना के क्रियान्वयन में अनाज की खरीद के लिए राज्यों में सीधे तौर पर किसानों से गठजोड़ किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि एक ओर जहां किसान दलहन का उत्पादन कर रहे हैं, वहीं स्थानीय जरूरतों के लिए हम इसका आयात कर रहे हैं। इसे कम किए जाने की दरकार है। इसके अलावा इस तरह के गठजोड़ के जरिए किसानों को उनके उत्पाद की लाभकारी कीमत दिलाना सुनिश्चित करने की दरकार है। इसके अतिरिक्त सभी निजी बीज एजेंसियों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को दलहन की हाइब्रिड किस्म विकसित करने की सलाह दी गई है। नए आवंटन में कृषि मंत्रालय ने दालों की सभी श्रृंखला यानी उत्पादन से लेकर विपणन तक को विकसित करने का प्रस्ताव रखा है।
एक ओर जहां तिलहन व दलहन की सभी योजनाएं जारी रहेंगी, वहीं 12वीं योजना के दौरान ऐसी योजनाओं के आवंटन में 15-20 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद है। मांग के मुकाबले भारत दालों का शुद्ध आयातक है। खबरों के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में दालों का आयात पिछले साल के 27 लाख टन के स्तर पर रहने की संभावना है। साल 2010-11 के फसल वर्ष (जुलाई-जून) में देश में रिकॉर्ड 180.9 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था जबकि एक साल पहले की समान अवधि में 146.6 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था। भारत हालांकि दुनिया का सबसे बड़ा दलहन उत्पादक है, लेकिन वह 180-190 लाख टन की सालाना जरूरत में से 30-40 लाख टन दालों का आयात कररता है। दालों की कीमतें हालांकि साल 2008-09 के उच्च स्तर के मुकाबले 30-50 फीसदी (विभिन्न किस्में) सस्ती हुई हैं। (BS Hindi)

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