राहत की बात - कैबिनेट ने दी खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे को हरी झंडीसंसद के चालू शीतकालीन सत्र में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को पेश किए जाने के आसारदेश के ज्यादातर लोगों को 'सस्ते अनाज का कानूनी अधिकार' मिलने का रास्ता अंतत: साफ हो गया है। दरअसल, सरकार ने रविवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे को हरी झंडी दिखा दी। देश के गरीबों को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की खातिर ही यह मंजूरी दी गई है। इस विधेयक के पारित हो जाने पर देश की 63.5 फीसदी आबादी को सस्ता अनाज पाने का कानूनी अधिकार मिल जाएगा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में संक्षिप्त चर्चा के बाद खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे को बाकायदा स्वीकृति दे दी गई। इस बैठक में भाग लेने वाले एक वरिष्ठ मंत्री ने यहां पत्रकारों को यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह खाद्य सुरक्षा विधेयक पर निर्णय को टाल दिया गया था। समय का अभाव होने के साथ-साथ कृत्रि मंत्री शरद पवार द्वारा जताई गई चिंता को ध्यान में रखकर ही इस पर फैसला टाला गया था। पवार ने मुख्यत: इस बात पर चिंता जताई थी कि खाद्य सुरक्षा विधेयक के अमल में आ जाने की स्थिति में सरकारी खजाने पर बोझ बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा।
कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने के बाद संसद के चालू शीतकालीन सत्र में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को पेश किए जाने की प्रबल संभावना है। खाद्य सुरक्षा विधेयक के कानून में तब्दील हो जाने पर सब्सिडी बिल में 27,663 करोड़ रुपये तक की भारी बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा होने पर देश का कुल सब्सिडी बिल भी बढ़कर 95,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
इसी तरह देश में कुल खाद्यान्न आवश्यकता भी मौजूदा 5.5 करोड़ टन से बढ़कर 6.1 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच जाएगी। बताया जाता है कि 'मनरेगा' स्कीम के बाद यह यूपीए सरकार की दूसरी सबसे बड़ी पहल है। यह भी बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर ही देश में खाद्य सुरक्षा की योजना को परवान चढ़ाया जा रहा है।क्या होगा इससे देश की 63.5% आबादी को सस्ता अनाज पाने का कानूनी अधिकार मिल जाएगाइस विधेयक के कानून में तब्दील होने पर सब्सिडी बिल में होगी 27,663 करोड़ रुपये तक की भारी बढ़ोतरीदेश में कुल खाद्यान्न आवश्यकता भी मौजूदा 5.5 करोड़ टन से बढ़कर हो जाएगी 6.1 करोड़ टनलाभ किसे देश भर में 75 फीसदी ग्रामीण आएंगे खाद्य सुरक्षा के दायरे में, 46 फीसदी लोग प्राथमिकता वाले वर्ग मेंशहरों में रहने वाले 50 फीसदी लोग भी होंगे इससे लाभान्वित, 28 फीसदी लोग प्राथमिकता वाले वर्ग में
कितना अनाज प्राथमिकता वाले वर्ग में आने वाले हर व्यक्ति को प्रत्येक माह मिलेगा 7 किलो चावल, गेहूं, मोटा अनाज, कीमत होंगी क्रमश: 3, 2 व 1 रुपया प्रति किलोसामान्य वर्ग मे आने वाले लोगों को मिलेगा कम-से-कम 3 किलो अनाज, कीमत इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगीलोकपाल विधेयक पर चर्चा आजनई दिल्ली रविवार की कैबिनेट बैठक में लोकपाल विधेयक को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। बैठक में विधेयक के कुछ मुद्दों को जरूर कैबिनेट के सामने रखा गया। अब इस पर सोमवार को चर्चा होने की उम्मीद है। सरकार कह चुकी है कि वह लोकपाल विधेयक को मौजूदा शीत सत्र में ही पेश करेगी। बैठक के बाद कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा, 'आप जानते हैं शीत सत्र में कितने दिन बचे हैं। इस सत्र में बिल पेश करने के लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं।
'वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री वी. नारायणसामी की अनौपचारिक समिति इस बिल को अंतिम रूप देने में लगी है। सूत्रों का कहना है कि कल की कैबिनेट बैठक से पहले संबंधित मंत्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेंगे और उन्हें विधेयक में किए गए बदलावों की जानकारी देंगे। (Business Bhaskar)
19 दिसंबर 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें