तगड़ा झटका - इस दिशा में अपने बढ़ते कदम को थामने पर विवश हुई सरकारप्रणब ने कहा, सरकार मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई के निर्णय को फिलहाल टालने की इच्छुक प्रणब ने यह भी कहा, संबंधित लोगों व विपक्षी दलों के साथ सलाह-मशविरा के बाद ही इस बारे में लिया जाएगा अंतिम निर्णयसरकार बुधवार की सुबह सर्वदलीय बैठक बुलाए जिसमें वह रिटेल एफडीआई मसले पर अपना रुख स्पष्ट कर सकती है। -सुषमा स्वराज, लोकसभा में विपक्ष की नेता पिछली सर्वदलीय बैठक में भाजपा ने साफ-साफ शब्दों में यह कहा था कि वह रिटेल एफडीआई के निर्णय को वापस लिए जाने के पक्ष में है। अब देखना यह है कि सरकार का रुख क्या रहता है। -रवि शंकर प्रसाद, भाजपा प्रवक्ता अब भी हमारी मांग यही है कि रिटेल एफडीआई के निर्णय को बिना शर्त वापस लिया जाए। सर्वदलीय बैठक में सरकार का जो रुख रहेगा, उसी के मद्देनजर हम निर्णय लेंगे। सीताराम येचुरी, सीपीएम नेताविपक्ष, खुदरा कारोबारियों के भारी विरोध का असरविपक्ष और खुदरा कारोबारियों के भारी विरोध को देखते हुए मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई के फैसले पर अडिग सरकार को आखिरकार पीछे हटना पड़ा है। सोमवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने ऐलान किया कि अब सभी राजनैतिक दलों के अलावा एफडीआई से प्रभावित होने वाले पक्षों के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद ही इस पर कोई फैसला किया जाएगा। तब तक के लिए इस फैसले पर रोक लगी रहेगी।
वहीं, दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई के फैसले को पूर्ण रूप से वापस लेने की मांग की है। विपक्ष दलों ने यह भी साफ कर दिया है कि इस बारे में सरकार के औपचारिक पक्ष को जानने के बाद ही वे अपना फैसला लेंगे। यही नहीं, आगामी 12-13 दिसंबर को देशभर के कारोबारी भी मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई के विरोध में अपनी रणनीति तय करने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।
गत 24 नवंबर को कैबिनेट की बैठक में मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दी गई थी। हालांकि, 25 नवंबर से ही इस फैसले के विरोध में संसद की कार्यवाही लगातार स्थगित होती रही। वहीं, देश भर में खुदरा कारोबारियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। एक दिसंबर को कारोबारियों ने देशव्यापी बंद रखा।
वैसे तो तीन दिन पहले तक केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और सरकार के अन्य मंत्री इस फैसले को वापस नहीं लेने का राग अलाप रहे थे, लेकिन लगातार दो सप्ताह से संसदीय कार्यवाही में जारी गतिरोध को देखते हुए प्रणब ने सोमवार को लोक सभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और सीपीएम नेता सीताराम येचुरी को बताया कि सरकार ने मल्टीब्रांड रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई के फैसले पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को सभी पार्टियों की बैठक बुलाने की सलाह दी है और उस बैठक में लिए जाने वाले फैसले को संसद में बताने के लिए कहा है। हालांकि, सुषमा स्वराज के मुताबिक प्रणब ने संसद में अपने पक्ष को स्पष्ट करने की बात कही है। इस मसले पर 7 दिसंबर को सभी राजनैतिक दलों की बैठक बुलाई जा सकती है जहां सरकार मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर अपना पक्ष साफ करेगी।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्हें सर्वदलीय बैठक में अब सरकार की औपचारिक घोषणा का इंतजार है। भाजपा मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई के फैसले को वापस लेने के अपने पक्ष को पहले ही साफ कर चुकी है। येचुरी के मुताबिक प्रणब ने उनसे कहा है कि सरकार ने इस फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है ताकि संसदीय कार्यवाही चल सके। (Business Bhaskar)
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