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30 दिसंबर 2011

अगले साल भी कायम रहेगी ग्वार की बादशाहत

मुंबई December 29, 2011




इस साल आर्थिक मंदी के कारण लगभग हर क्षेत्र में निवेशकों पर मार पड़ी है। लेकिन ग्वार गम और ग्वार सीड में निवेश करने वाले कारोबारी मालामाल हुए हैं। इस साल ग्वार सीड और ग्वार गम में निवेश करने वालों को क्रमश : 192 फीसदी और 265 फीसदी रिटर्न प्राप्त हुआ है। एनसीडीईएक्स के कुल कारोबार में एक-तिहाई से भी ज्यादा हिस्सा सिर्फ अकेली इस जिंस का रहा है। बाजार जानकार इस प्रवृत्ति को वायदा बाजार के लिए सही नहीं मान रहे हैं और यही वजह है कि इसके कारोबार पर सख्ती हो रही है। इसके बावजूद ग्वार की कीमतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। बढ़ती मांग और निवेशकों के रुझान को देखते हुए आने वाले साल में भी ग्वार मुनाफे का बादशाहत बनी रह सकती है।
ग्वार की फर्राटा भरती कीमतों को मार्जिन की लगाम भी नहीं रोक पा रही है। चालू महीने में एनसीडीईएक्स द्वारा तीन बार विशेष मार्जिन बढ़ाए जाने के बावजूद इसकी कीमतों में तेजी बनी हुई है। इस समय ग्वार सीड और ग्वार गम के सौदों पर कुल 40 फीसदी मार्जिन है, जिसमें 10 फीसदी विनिमय मार्जिन और 30 फीसदी विशेष मार्जिन है। पिछले एक महीने में ही ग्वार सीड और ग्वारगम की कीमतें क्रमश: 43 फीसदी और 50 फीसदी बढ़ चुकी हैं। सालभर के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो फायदे की रफ्तार और भी चौंकाने वाली है। साल की शुरुआत में ग्वार सीड में निवेश करने वाले ग्राहकों को 192 फीसदी और ग्वार गम के निवेशकों को 265 फीसदी का मुनाफा हुआ है। इस समय वायदा और हाजिर बाजार में ग्वार गम की कीमतें 25 हजार रुपये प्रति क्ंिवटल को पार कर गई हैं जबकि ग्वार सीड के दाम 7,600 रुपये प्रति क्ंिवटल के पार पहुंच चुके हैं।
ग्वार में निवेशकों के फिदा होने का आलम यह है कि कृषि जिंसों के प्रमुख जिंस एक्सचेंज एनसीडीईएक्स के साल भर के कुल कारोबार में एक-चौथाई हिस्सा सिर्फ ग्वार का है। एनसीडीईएक्स में इस साल 28 दिसंबर तक कुल 17,94,261.65 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है, जिसमें 4,48,304.70 करोड़ रुपये का ग्वार वायदे का कारोबार हुआ है। इसमें ग्वार सीड का कुल कारोबार 3,48,043.37 करोड़ रुपये और ग्वार गम का 1,00,261.33 करोड़ रुपये का कारोबार था। दिसंबर महीने में ग्वार कारोबार की कुल कारोबार में हिस्सेदारी 40 फीसदी तक पहुंचने वाली है। ग्वार गम और ग्वार सीड का कुल कारोबार सालभर में करीब 155 फीसदी बढ़ा है।
ग्वार पर सख्त होती एफएमसी की नजर को देखते हुए सवाल खड़े होने लगे हैं कि वर्ष 2012 में भी ग्वार मुनाफे की डगर पर सरपट दौड़ेगा या नहीं। इस पर ऐंजल ब्रोकिंग की वेदिका नार्वेकर कहती हैं कि हालांकि वायदा ग्वार गम और ग्वार सीड की कीमतें काफी बढ़ चुकी हैं और इन दोनों के वायदा कारोबार में मार्जिन काफी ज्यादा बढ़ा दी गई है। साथ ही कारोबारियों की जांच भी की जा रही है इसके अलावा ट्रेड टू ट्रेड प्रक्रिया के तहत कारोबार कराने की बात भी की जा रही है यानी वायदा नहीं बल्कि हाजिर बाजार की तर्ज पर कारोबार हो। इन बातों की वजह से बाजार में गिरावट आ सकती है लेकिन विदेशी मांग तेज होने और ग्वार को कोई दूसरा विकल्प न होने की वजह से आने वाले साल में भी ग्वार मुनाफे वाली जिंसों में अव्वल बना रहेगा। (BS Hindi)

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