बिजनेस भास्कर दिल्ली
की चांदनी अब तेजी से कम होने लगी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम घटने और औद्योगिक मांग कमजोर होने से गुरुवार को दिल्ली सराफा बाजार में चांदी की कीमतों ने पिछले दस माह का निचला स्तर छुआ। इस वजह से चांदी के भाव 3100 रुपये लुढ़क कर 49,500 रुपये प्रति किलो रह गए। इसी तरह सोना भी 540 रुपये की भारी गिरावट दर्शाकर 27,340 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया।
ब्रोकिंग फर्म एंजेल कमोडिटी के एसोसिएट डायरेक्टर (कमोडिटी एंड करेंसी) नवीन माथुर ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमती धातुओं में निवेशकों की मुनाफावसूली बनी हुई है, जबकि घरेलू बाजार में औद्योगिक और गहने निर्माताओं की ओर से इसकी मांग कमजोर पड़ी है। इसलिए चांदी में गिरावट को बल मिल रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में नवंबर से अभी तक चांदी की कीमतों में 23.5 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। गत 3 नवंबर को चांदी का भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 35 डॉलर प्रति औंस था, जबकि गुरुवार को एक समय चांदी का भाव 2.26 फीसदी घटकर 26.43 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करते देखा गया। यह पिछले तकरीबन तीन महीनों में चांदी का न्यूनतम स्तर है। दिल्ली बुलियन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वी के गोयल ने बताया कि ब्याह-शादियों का सीजन समाप्त होने के कारण चांदी में ज्वैलर्स की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। चांदी का भाव घटकर दिल्ली सराफा बाजार में गुरुवार को 49,500 रुपये प्रति किलो रह गया जो गत 25 फरवरी के बाद से चांदी का निचला स्तर है। चांदी के सिक्कों की कीमतें भी गुरुवार को 3,000 रुपये टूटकर 5,400 से 5,500 रुपये प्रति 100 पीस रह गईं।
दिल्ली सराफा बाजार में गुरुवार को सोने का भाव भी 540 रुपये लुढ़क कर 27,340 रुपये प्रति दस ग्राम रह गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस दौरान सोने की कीमतों में तकरीबन 26 डॉलर प्रति औंस की गिरावट आकर भाव 1,530.60 डॉलर प्रति औंस रह गए। यह पिछले तकरीबन छह महीनों में सोने की कीमत का न्यूनतम स्तर है। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका भाव 1,556 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था। इटली में बांडों की नीलामी के दौरान इन पर यील्ड के उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहने के कारण डॉलर के मुकाबले यूरो के काफी नीचे आ जाने से ही सोने की बिक्री भी तेज हो गई। यूरो गुरुवार को डॉलर के मुकाबले लुढ़क कर पिछले 15 महीनों के न्यूनतम स्तर पर आ गया।
को तीसरे दिन भी तेजी नसीब नहीं
के शेयर बाजार गुरुवार को लगातार तीसरे दिन तेजी के लिए तरसते रहे। रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ-साथ कई बैंकों के शेयरों में खासी गिरावट के चलते ही ऐसी नौबत आई। ऐसे में बॉम्बे शेयर बाजार का सेंसेक्स भी 183.92 अंक और टूटकर 15,543.93 अंक पर बंद हुआ। इसके साथ ही चालू वर्ष की समाप्ति के समय भी बाजार को सुकून नहीं मिल पा रहा है। बाजार जानकारों ने बताया कि बढ़ते डूबत कर्जों (एनपीए) को लेकर बढ़ी निवेशक चिंता के चलते एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक समेत तमाम दिग्गज कर्जदाताओं के शेयर गुरुवार को गोता खा गए। रुपये के काफी कमजोर पड़ जाने और लोन के महंगे हो जाने से अगले महीने आने वाले कंपनी नतीजों के निराशाजनक रहने की आशंका के चलते भी बाजार में बिकवाली बढ़ गई। ऐसे में खाद्य महंगाई दर के काफी नीचे आ जाने का भी अनुकूल असर बाजार पर नहीं पड़ा। (Business Bhaskar...R S Rana)
30 दिसंबर 2011
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