एमसीएक्स में मुनाफावसूली से चालू माह में मेंथा तेल चार फीसदी गिरा
17,750 टन का रखा है मसाला बोर्ड ने वित्त वर्ष 2011-12 के लिए निर्यात का लक्ष्य9,150 टन मेंथा उत्पादों का निर्यात हुआ है अप्रैल से अक्टूबर के दौरान9,500 टन का निर्यात हुआ था पिछले साल की समान अवधि मेंयूरोप में क्रिसमस के त्यौहार के कारण जनवरी के पहले सप्ताह तक छुट्टियां रहेंगी, जिसका असर भारत से मेंथा तेल से बने उत्पादों के निर्यात पर पडऩे की संभावना है। निर्यातकों की मांग कम होने से उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल की कीमतों में पांच से सात फीसदी की गिरावट आ सकती है। जबकि वायदा बाजार में निवेशकों की मुनाफावसूली से चालू महीने में मेंथा तेल की कीमतों में चार फीसदी की गिरावट आई है।
एसेंशियल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर ने बताया कि यूरोप में क्रिसमस के कारण जनवरी के पहले सप्ताह तक छुट्टियां रहेंगी इसीलिए यूरोप के आयातकों की मांग पहले की तुलना में कम हो गई है। इस समय खाड़ी देशों के आयातक क्रिस्टल बोल्ड का 30-32 डॉलर प्रति किलो का भाव देने को तैयार हैं। घरेलू फार्मा कंपनियों की भी मांग इस समय सीमित मात्रा में है जिससे घरेलू बाजार में मेंथा तेल की कीमतों में नरमी की संभावना है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों अप्रैल से अक्टूबर के दौरान मेंथा उत्पादों के निर्यात में चार फीसदी की कमी आई है। अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 9,150 टन मेंथा उत्पादों का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 9,500 टन का निर्यात हुआ था। मसाला बोर्ड ने वित्त वर्ष 2011-12 के लिए निर्यात का लक्ष्य 17,750 टन का रखा है। चंदौसी मंडी स्थित ग्लोरियस केमिकल के डायरेक्टर अनुराग रस्तोगी ने बताया कि उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल की दैनिक आवक 500 से 650 ड्रमों (एक ड्रम-180 किलो) की हो रही है।
जबकि आवक के मुकाबले मांग कमजोर होने से मेंथा तेल की कीमतों कीमतों में गिरावट आ सकती है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में मेंथा तेल की कीमतों में चालू महीने में चार फीसदी की गिरावट आई है। पहली तारीख को दिसंबर महीने के वायदा अनुबंध में मेंथा तेल का भाव 1,348.20 रुपये प्रति किलो था, जबकि 16 दिसंबर को इसका भाव 1,295 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ।
उत्तर प्रदेश मेंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि चालू सीजन में मेंथा तेल की पैदावार बढ़कर 34,000 से 35,000 टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 27,000 से 28,000 हजार टन का ही उत्पादन हुआ था। आवक का पीक सीजन समाप्त हो चुका है इसलिए मौजूदा कीमतों में 50 से 60 रुपये प्रति किलो की आंशिक गिरावट तो आ सकती है लेकिन भारी गिरावट की संभावना नहीं है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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