07 अप्रैल 2009
निर्यात आर्डर मिलते ही ग्वार के स्टॉकिस्ट सक्रिय, जोरदार तेजी
निर्यात मांग निकलने से इस महीने में राजस्थान की मंडियों में ग्वार गम व ग्वार सीड में आठ से दस फीसदी की तेजी देखने को मिली। वहीं वायदा सौदों में भी ग्वार सीड व ग्वार गम के भाव दस फीसदी तक बढ़ने से भावों में अभी और बढ़ोतरी की संभावना व्यक्त की जा रही है। थोक व्यापारियों का कहना है कि आगामी खरीफ सीजन में राजस्थान में ग्वार का रकबा घटने की अटकलों के चलते स्टॉकिस्टों के बाजार पर हावी होने के साथ नए निर्यात ऑडरों ने ग्वार गम और ग्वार सीड के बाजार को तेजी के रास्ते पर धकेल दिया है। इस वजह से जयपुर मंडी में एक अप्रैल को 1640 से 1700 रुपए क्विंटल बिकने वाली ग्वार मिल डिलीवरी के भाव पांच कारोबारी सत्र में ही करीब नौ फीसदी बढ़कर सोमवार को 1800 से 1860 रुपए क्विंटल हो गए। इसी तरह ग्वार गम के भाव भी आठ फीसदी की तेजी से 3425 से बढ़कर 3700 रुपए क्विंटल पर पहुंच गए। जोधपुर मंडी में भी ग्वार मिल डिलीवरी करीब दस फीसदी बढ़कर 1825 से 1850 और ग्वारगम दस फीसदी से ज्यादा बढ़कर 3750 रुपए क्विंटल हो गया। एनसीडीईएक्स में भी पांच दिन में अप्रैल वायदा ग्वार सीड करीब नौ फीसदी बढ़कर 1775 और ग्वार गम 3736 रुपए तथा मई वायदा ग्वारसीड नौ फीसदी से ज्यादा बढ़कर 1809 और ग्वारगम के भाव दस फीसदी की छलांग लगाकर 3805 रुपए क्विंटल हो गए।राजस्थान ग्वार गम मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जीवन गांधी ने बताया कि चीन, यूरोप और अमेरिका से ग्वार गम के नए निर्यात आर्डर मिलने से ग्वार गम फैक्ट्रियों ने ग्वार की खरीद तेज कर दी है। उधर, मूंग व मोठ में तेजी के कारण आगामी खरीफ सीजन में किसानों का रुझान ग्वार की पैदावार में कम होने की आशंका को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने गोदामों में माल दबाना शुरू कर दिया हैं क्योंकि ग्वार को तीन-चार साल तक रखने के साथ कभी भी बेचा जा सकता है। इस वजह से एक सप्ताह के दौरान ही ग्वार सीड और ग्वार गम में दस फीसदी तक की तेजी आ गई है। गांधी के मुताबिक पिछले दिनों डॉलर के कमजोर होने से भी निर्यात सौदों में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा रूस में कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की योजना को देखते हुए ग्वार गम के नए निर्यात ऑर्डर मिलने की उम्मीद है। इस वजह से अगले कुछ दिनों में ग्वार गम और ग्वार सीड में बीस फीसदी तक की तेजी और आ सकती है। उन्होंने बताया कि राजस्थान, गुजरात और हरियाणा में प्रति हैक्टेयर उत्पादकता में कमी के कारण खरीफ सीजन में 80 लाख बोरी ग्वार उत्पादन होने का अनुमान है जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब बीस फीसदी कम है और अगले खरीफ सीजन में ग्वार उत्पादन और घट सकता है। जयपुर के व्यापारी रामवतार खंडेलवाल का कहना है कि पहले इस साल ग्वार उत्पादन एक करोड़ बोरी से ज्यादा होने के पूर्वानुमान के कारण स्टॉकिस्टों ने कदम खींच लिए थे लेकिन उत्पादन में कमी तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने से स्टॉकिस्ट फिर सक्रिय हो गए हैं। इस वजह से ग्वार गम और ग्वार सीड में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। (Business Bhaskar)
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