08 अप्रैल 2009
पैदावार में कमी व स्टॉकिस्टों की सक्रियता से कालीमिर्च तेज
पैदावार में कमी और स्टॉकिस्टों की सक्रियता से पिछले पंद्रह दिनों में कालीमिर्च के भावों में करीब 13 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। चालू फसल सीजन में देश में कालीमिर्च की पैदावार में तो करीब पांच हजार टन की कमी आने की आशंका है ही, साथ ही बकाया स्टॉक भी पिछले साल से कम बताया जा है। वियतनाम में नई फसल की आवक चल रही है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में वियतनाम द्वारा भाव घटाकर बिकवाली की जा रही है। लेकिन देश में कालीमिर्च की कुल उपलब्धता में कमी और घरेलू मांग अच्छी होने से मौजूदा भावों में और भी तेजी की संभावना है। कोच्चि मंडी स्थित मैसर्स केदारनाथ संस के अजय अग्रवाल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि केरल के उत्पादक क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम से कालीमिर्च की पैदावार घटी है। चालू फसल सीजन में देश में कालीमिर्च की पैदावार 45,000 टन ही होने की संभावना है। जबकि पिछले वर्ष देश में इसकी पैदावार 50,000 टन की हुई थी। पिछले साल नई फसल के समय बकाया स्टॉक भी करीब 15,000 टन का बचा हुआ था लेकिन चालू वर्ष में नई फसल के समय बकाया स्टॉक मात्र 5,000 टन का ही बचा हुआ है। ऐसे में कुल उपलब्धता पिछले वर्ष के 65,000 टन के मुकाबले घटकर 50,000 टन ही होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पैदावार में कमी के कारण ही कालीमिर्च में इस समय घरेलू मांग अच्छी बनी हुई है। इसी के परिणामस्वरूप पिछले पंद्रह दिनों में इसकी कीमतों में करीब 14,00 रुपये की तेजी आकर एमजी वन की कीमतें 12,400 रुपये और अनगार्बल्ड के भाव 12,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गये। भावों में तेजी के कारण उत्पादकों की बिकवाली भी कम आ रही है।जिससे तेजी को बल मिल रहा है। बंगलुरू के कालीमिर्च निर्यातक अनीश रावथर ने बताया कि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कालीमिर्च के भाव 2650 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) चल रहे हैं। जबकि वियतनाम की कालीमिर्च के भाव 2350 डॉलर, ब्राजील की कालीमिर्च के भाव 2050 और इंडोनेशिया की कालीमिर्च के भाव 2250 डॉलर प्रति टन चल रहे हैं। वियतनाम में नई फसल की आवक चल रही है तथा वियतनाम में कालीमिर्च की पैदावार 90 हजार होने की संभावना है। भारतीय कालीमिर्च के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेज होने के कारण भारत से निर्यात मांग काफी कमजोर चल रही है। हालांकि भारतीय कालीमिर्च की क्वालिटी अन्य देशों के मुकाबले बेहतर होती है। वित्त वर्ष 2008-09 के अप्रैल से फरवरी महीने तक देश से कालीमिर्च के निर्यात में लगभग 26.5 फीसदी की कमी आई है। भारतीय मसाला बोर्ड के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 के अप्रैल से फरवरी महीने तक देश से कालीमिर्च का निर्यात घटकर 23,350 टन का ही हुआ है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 31,760 टन का हुआ था। मसाला बोर्ड ने वित्त वर्ष में निर्यात का लक्ष्य 35,000 टन का निर्धारित किया है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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