नई दिल्ली February 04, 2009
चीनी बनाने वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बलरामपुर चीनी मिल्स भी कंपनी अधिनियम की धाराओं में उलझ गई है।
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने इस कंपनी के निदेशकों पर अधिनियम की अनुसूची 6 (धारा 211) और लेखा मानकों का उल्लंघन करने का आरोप जड़ते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
मंत्रालय ने जनवरी के पहले हफ्ते में कोलकाता में कंपनी के क्षेत्रीय निदेशकों को चिट्ठी भेजी, जिसमें कार्रवाई शुरू होने की जानकारी दी गई थी और 30 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करने की बात भी कही गई थी।
मंत्रालय के एक निरीक्षण अधिकारी के मुताबिक कानूनी कार्रवाई कंपनी, उसके निदेशकों और ऑडिटरों के खिलाफ शुरू हुई है। कंपनी के खातों को ऑडिट करने का काम कोलकाता की ही कंपनी जी पी अग्रवाल ऐंड कंपनी करती है। मंत्रालय ने ऑडिटरों के काम की पड़ताल के लिए यह मामला आईसीएआई के पास भी भेजा है।
इस बारे में कंपनी ने कहा, 'कंपनी अधिनियम की धारा 209 ए के तहत फरवरी 2008 में निरीक्षण हुआ था और लेखा मानकों से संबंधित कुछ दिक्कतें मिली थीं। लेकिन इस मामले में कंपनी लॉ बोर्ड के पास हम गए थे। बोर्ड ने कंपनी पर 18,000 रुपये का जुर्माना ठोका और मामला खत्म हो गया।'
धारा 209 ए में कंपनियों के खातों की जांच का मामला होता है। यदि कोई कंपनी इसका पालन नहीं करती है, तो उससे जुड़े प्रत्येक अधिकारी पर 5,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है और अधिकतम 1 वर्ष की कैद उसे हो सकती है। विवेक सरागोई द्वारा प्रवर्तित बलरामपुर चीनी की पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 चीनी मिलें हैं। कंपनी एथेनॉल का उत्पादन भी करती है।
कानून के उल्लंघन से स्वाद कड़वा
कंपनी के निदेशकों पर अनुसूची 6 (धारा 211) के उल्लंघन का आरोपकार्रवाई हो गई है शुरू, 30 दिन मिले जवाब देने के लिएकंपनी ने भी की पूछताछ होने की पुष्टि, मगर मामला निपटने की बात (BS Hindi)
04 फ़रवरी 2009
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