लखनऊ February 04, 2009
उत्तर प्रदेश सरकार की नई शीरा नीति, जिसके तहत इसके निर्यात पर पाबंदी लगा दी गई है, से राज्य के एकीकृत चीनी मिलों को लाभ हो सकता है।
खास तौर पर वे चीनी मिलें अधिक लाभान्वित हो सकती हैं जिनके संबंध सहयोगी डिस्टिलरी से है। ऐसे चीनी उत्पादक अपेक्षाकृत कम लागत पर शीरे को इस्तेमाल में लाने में सक्षम हो सकते हैं।
हालांकि, अकेली मिलों को शीरे की खुले बाजार की 350 रुपये प्रति क्विंटल की वर्तमान दर से अपेक्षाकृत कम कीमत पर निपटान करना पड़ सकता है। मिलों का कहना है कि इससे उनकी प्रतिस्पध्र्दात्मकता पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
गन्ना उत्पादन में कमी और इसके परिणामस्वरूप वर्तमान सीजन में शीरे के उत्पादन में कमी होने के आसार को देखते हुए शीरे के निर्यात पर पाबंदी लगाई गई है। (BS Hindi)
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