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12 फ़रवरी 2009

बंदिशें कम होने से दो लाख टन बासमती निर्यात के सौदे

केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल पर निर्यात शुल्क हटाने और न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम होने के बाद से इसके निर्यात में काफी तेज़ी आ गई है। पिछले तीन हफ्तों में ही बासमती चावल के करीब दो लाख टन के निर्यात सौदे हो गए हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने पिछले 19 जनवरी को बासमती निर्यात पर 8000 रुपये प्रति टन का निर्यात शुल्क हटा दिया था। एमईपी 1200 डॉलर से घटाकर 1100 डॉलर प्रति टन कर दिया था।कोहिनूर फूड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक गुरुनाम अरोड़ा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि बासमती चावल के निर्यात पर बंदिशें कम होने के बाद से इसके निर्यात में अचानक काफी बढ़ोतरी हुई है।इन फैसलों के बाद तीन सप्ताह के दौरान करीब दो लाख टन बासमती चावल के निर्यात सौदे हुए हैं। जबकि चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में देश से करीब 7.70 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ। नए सौदों में सऊदी अरब सबसे बड़ा आयातक बनकर उभरा है। उसने दो लाख टन में से 1.1 लाख टन के सौदे किए हैं। इसमें सुपर और पूसा बासमती के निर्यात सौदे ज्यादा हुए। गुरुनाम अरोड़ा ने बताया कि सऊदी अरब के आयातक पाकिस्तान के बजाय अब भारत के बासमती को तरजीह दे रहे हैं। भारतीय बासमती स्पर्धी हो गया है। हालांकि अभी भारतीय बासमती के दाम पाकिस्तान के माल से ज्यादा हैं लेकिन क्वालिटी के चलते आयातक थोड़ा ज्यादा मूल्य देने को तैयार हैं। खाड़ी देश भारतीय बासमती के सबसे बड़ा बाजार रहा है। देश से होने वाले कुल निर्यात में इनकी हिस्सेदारी करीब 50 फीसदी होती है। हालांकि ईरान में आयात शुल्क बढ़ने से वहां भारतीय बासमती निर्यात कम हो गया है। ईरान ने जनवरी में निर्यात शुल्क 80 डॉलर बढ़ाकर 240 डॉलर प्रति टन कर दिया है।उद्योग सूत्रों का मानना है कि बासमती चावल के निर्यात सौदों में बढ़ोतरी के बावजूद इस वित्त वर्ष में कुल निर्यात 10 लाख टन से ज्यादा नहीं हो पाएगा क्योंकि अभी दो लाख टन नए सौदों की डिलीवरी मार्च तक हो पाना मुश्किल है। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार निर्यात 45 फीसदी कम रहने का अनुमान है। हालांकि देश में इस साल बासमती चावल का उत्पादन बढ़कर दोगुना होने का अनुमान है। चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष विजय सेतिया ने बताया कि इस साल बासमती चावल के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए हमने सरकार से मांग की है कि एमईपी को घटाकर 1000 डॉलर टन कर दिया जाना चाहिए। इससे यूरोपीय बाजारों में हमारे बासमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी होगी क्योंकि वहां भारतीय बासमती पाकिस्तान के मुकाबला ले सकेगा। अभी इन बाजारों में भारतीय बासमती चावल पाकिस्तान के मुकाबले 300 डॉलर महंगा पड़ता है। (BS Hindi)

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

thanks to you and your team to give us very useful information about agriculcheral commodities in hindi.
Please tell daily price of pusa basmati -1 and 1121.
Is pusa basmati-1 =PB-1 =DB =Tooda basmati?
i am a farmar and have 150 quintels of Tooda basmati.
Should i sell it or not.
thanks.
Amit from muradnagar