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16 फ़रवरी 2009

इस सप्ताह सोने में चल सकती है मुनाफावसूली

मुंबई February 15, 2009
सोने के बाजार में इस सप्ताह के दौरान मिला जुला रुख रहा। निवेशकों ने मुनाफावसूली की संभावनाओं का भी लाभ उठाया, क्योंकि बाजार का मिजाज निराशाजनक रहा।
अमेरिकी कांग्रेस द्वारा 900 अरब डॉलर के राहत पैकेज दिए जाने से बाजार को ऊर्जा मिल सकती है, जिससे भविष्य में कीमतों में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया जा रहा है। बहरहाल कारोबारी इस समय लाभ कमाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं और वे जहां तक संभव है, मुनाफावसूली करना चाहते हैं।
उनका मानना है कि वैश्विक स्थिति को देखते हुए सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही थी और अब यह उच्च स्तर पर पहुंचकर करीब स्थिर होने को है।
एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी प्रमुख नवीन माथुर का मानना है कि राहत पैकेज दिए जाने से नकदी की समस्या से बाजार को कुछ निजात मिल सकती है, जिसका वह सामना कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी यह पूंजी इतनी नहीं है, जिससे आर्थिक मंदी से निजात पाई जा सके। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि मंदड़िये और तेजड़िये दोनों ही आने वाले सप्ताह में बाजार में प्रभावी रहेंगे।
सोने में निवेश सुरक्षित होने की वजह से सोने और डॉलर दोनों को ही फायदा रहेगा। इसमें कच्चे तेल की कीमतों में सुधार होने की भूमिका भी अहम रहेगी। पिछले कुछ साल के दौरान अमेरिकी मुद्रा- सोने और कच्चे तेल के विपरीत दिशा में चली।
2009 में सोने और तेल की कीमतें डॉलर से हटकर चलीं। सोना सुरक्षित निवेश के रूप में उभरकर सामने आया और वैश्विक मंदी की वजह से पेट्रोलियम की कीमतें बहुत नीचे चली गईं। इस समय अमेरिकी बाजार की तुलना में यूरोपीय बाजार ज्यादा चिंता में डाल रहा है।
यूरोपियन यूनियन के सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2008 की चौथी तिमाही में यूरो बाजार वाले देशों की अर्थव्यवस्था में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जबकि इस दौरान अमेरिकी अर्थव्यवस्था में गिरावट 1 प्रतिशत की रही।
इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, जर्मनी में 2008 की अंतिम तिमाही में अर्थव्यवस्था में 2.1 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। पिछले शुक्रवार तक सोने के मामले में कोई गतिविधि शायद ही देखी गई और मुनाफावसूली ही प्रभावी रहा। विश्लेषक हालांकि कुल मिलाकर सोने के बाजार में तेजी देखे जाने के बावजूद हाल फिलहाल में गिरावट की ही उम्मीद कर रहे हैं।
आल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन अशोक मिनावाला ने कहा कि आज सोने की खरीद में स्क्रै प रिकवरी की अहम भूमिका होती है, जो करीब कुल बिक्री का 30 प्रतिशत आता है। अगर हम सामान्य दिनों से तुलना करें तो इसका कारोबार 10 प्रतिशत कम है।
पिछले सप्ताह मुंबई के सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड की कीमतें 3.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 14,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुईं। जबकि गुरुवार को इसकी कीमतों के इतिहास में सबसे ज्यादा तेजी रही और यह 14,705 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया।
इसी तरह से शुध्द सोने की कीमतों में 3.4 प्रतिशत की बढ़त आई और यह 14,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। लंदन में सोने की कीमतों में 2.46 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई और सप्ताहांत में यह 935.5 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में हाल के महीने के लिए सोने का वायदा कारोबार इस सप्ताह 14,161 रुपये प्रति दस ग्राम पर खुला, लेकिन इसे 13,916 रुपये प्रति 10 ग्राम पर मजबूत समर्थन मिला। बाद में इसकी कीमतें 14,824 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंचीं, लेकिन सप्ताहांत में यह 14,625 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
एंजेल ब्रोकिंग के अनुमान के मुताबिक सोने को 14,420-14,440 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बेहतर समर्थन मिल सकता है। 14,235-14,255 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बहुत ज्यादा समर्थन मिल सकता है। (BS Hindi)

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