कोच्चि February 06, 2009
वैश्विक बाजार में काली मिर्च की कीमतों के मुद्दे पर भारत एक नया रुख अख्तियार कर सकता है, इसकी पूरी संभावना जताई जा रही है।
बाजार में मानकों के भी ऐसे ही संकेत हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि हाल के दिनों में देश में काली मिर्च का सबसे कम उत्पादन हुआ है।
पहले इसके उत्पादन में 30 फीसदी कमी होने की उम्मीद की गई थी। लेकिन इस दफे केरल में 50 फीसदी कम उत्पादन के पूरे आसार दिख रहे हैं। राज्य के दक्षिणी जिलों में काली मिर्च की लताओं को तोड़ने का पूरा हो चुका है। ऊपरी इलाकों में इसको तोड़ने का काम अगले 2-3 हफ्तों में पूरा हो जाएगा।
इडुक्की जिले के कुछ किसानों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस वक्त फसल में 40 फीसदी की कमी आएगी। केरल में काली मिर्च का कुल उत्पादन इस साल 14,000 से 16,000 टन तक ही रहने की उम्मीद है।
भारतीय बाजार कालीमिर्च के लिए पूरी तरह से कर्नाटक की फसल पर ही निर्भर है जहां कालीमिर्च की तुड़ाई का काम अगले 2-3 हफ्तों में पूरा किया जाएगा। हाल के ताजा अनुमानों के मुताबिक 50,000-55,000 टन के उत्पादन के मुकाबले पूरे देश में इस फसल के उत्पादन में कमी आएगी और यह 40,000-42,000 टन हो जाएगा।
दूसरे देशों के मुकाबले भारत में कालीमिर्च के भाव ज्यादा हैं, इससे ही कम उत्पादन का अंदाजा होता है। भारत में यह 2650 डॉलर प्रति टन (एफओबी-कोच्चि) है जबकि वियतनाम में यह 2500 डॉलर प्रति टन (एफओबी-एचसीएमसी)है।
इंडोनेशिया में यह 2250-2300 डॉलर प्रति टन(एफओबी-पांजांग)है। ब्राजील में मौजूदा वक्त में सबसे कम कीमत है 2150 डॉलर प्रति टन है। भारत दुनिया के कालीमिर्च के कारोबार में अपना कोई स्थान नहीं रखता है। हालांकि भारत में ज्यादा घरेलू मांग की वजह से यहां इसका बड़ा बाजार है। देश में कालीमिर्च का उत्पादन सालाना लगभग 35,000 टन होता है।
हालांकि इसका बड़ा घरेलू बाजार होने के बावजूद उत्पादन में कमी की वजह से इस साल भारत कीमतों के मुद्दे पर अलग रुख अख्तियार कर सकता है। इससे देश के निर्यात के भविष्य पर बहुत खराब असर पड़ सकता है। वर्ष 2008-09 के अप्रैल-दिसंबर की अवधि के दौरान निर्यात में 19,100 टन की कमी आई और इसकी कीमत 317.77 करोड़ रुपये।
पिछले साल इसी अवधि के वित्तीय वर्ष के दौरान यह 27,580 टन था जिसकी कीमत 400.19 करोड़ रुपये था। ऑल इंडिया स्पाईसेज एक्सपोर्टस फोरम (एआईएसईएफ) के जोजन मलाइल का कहना है, 'यह बेहद आश्चर्यजनक नहीं होगा कि वित्तीय वर्ष 2009-10 के दौरान भारत का कुल निर्यात 10,000 टन तक सिमट जाए। घरेलू बाजार में हमेशा से कम उत्पादन होने के बावजूद भी कालीमिर्च में तेजी का रुख बना रहता है।'
दुनिया में सबसे ज्यादा कालीमिर्च का उत्पादन करने वाले देश वियतनाम में कटाई का काम शुरू हो चुका है। यहां 100,000-110,000 टन फसल के होने की उम्मीद है। (BS Hindi)
06 फ़रवरी 2009
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