भारत और पाकिस्तान के बीच समझौतों में सुधार की एक कड़ी और जोड़ते हुए दोनों देशों के चाय संगठनों ने मंगलवार को एक करार पर दस्तखत किए। इसके तहत अगले तीन वर्षों में पाकिस्तान को भारतीय चाय का निर्यात दोगुना किया जाएगा।
सहमति पत्र के मुताबिक पाकिस्तान को भारत की चाय का निर्यात वर्ष 2015 तक बढ़कर 5 करोड़ किलोग्राम हो जाएगा। इस समय निर्यात 2.4 करोड़ किलोग्राम है यानी इसमें 108 फीसदी बढ़ोतरी होगी।
पीटीए के चेयरमैन मोहम्मद हनीफ जानू ने कहा, 'भारत में यह पाकिस्तान टी एसोसिएशन (पीटीए) का चौथा प्रतिनिधिमंडल आया है। हालांकि इसका आगाज 1997 में शुरू हुआ था। इससे पिछला प्रतिनिधिमंडल 2007 में आया था। उस समय हमने चालू वर्ष तक पाकिस्तान को करीब 2.5 करोड़ किलोग्राम चाय के आयात पर सहमति जताई थी और इस आंकड़े को हासिल कर लिया गया है। अब हमें पूरा विश्वास है कि अगले तीन वर्षों में हम 5 करोड़ किलोग्राम चाय का आयात करने में सक्षम होंगे।' जानू 13 सदस्यीय उस चाय प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे जो पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की यात्रा के दौरान आया था। इंडियन टी एसोसिएशन (आईटीए) के चेयरमैन सी एस बेदी ने कहा, 'हम पाकिस्तानी बाजार में डुआर्स और असम सीटीसी चाय भेजना पसंद करेंगे। फिलहाल पाकिस्तान दक्षिण भारतीय चाय का बड़ा उपभोक्ता है।' पाकिस्तान में चाय की कुल खपत करीब 22.5 करोड़ किलोग्राम है, जिसमें से 12 करोड़ किलोग्राम का वैध आयात होता है, जबकि शेष अवैध मार्ग से। पाकिस्तान विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चाय आयातक है।
जानू ने कहा, 'कुल आयात में केन्या का योगदान करीब 13.5 करोड़ किलोग्राम और भारत का 2.4 करोड़ किलोग्राम होता है। हम सरकार से चाय पर आयात शुल्क वर्तमान 10 फीसदी से नीचे लाने की मांग कर रहे हैं।' स्रोतों ने कहा कि हालांकि पाकिस्तान में समग्र आयात शुल्क 37 फीसदी है। (BS Hindi)
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