अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) का अनुमान है कि 2012-13 विपणन वर्ष में भारत का कपास उत्पादन 20 लाख गांठ घटकर 3.23 करोड़ गांठ रहेगा। यूएसडीए का कहना है कि अस्पष्ट कपास निर्यात नीति के अभाव में किसान दूसरी वैकल्पिक फसलों की ओर मुड़ सकते हैं। भारत कपास का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और विपणन वर्ष 2011-12 में यहां 3.42 करोड़ गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।
एक गांठ 170 किलो की होती है और कपास विपणन वर्ष अगस्त से जुलाई के बीच होता है। यूएसडीए की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है, 'कपास बुवाई क्षेत्र में दस प्रतिशत कमी का अनुमान है जिससे कपास उत्पादन 20 लाख गांठ घटकर 3.23 करोड़ गांठ रहने का अनुमान है।'
इसके अनुसार घरेलू कपास खपत 2012-13 में बढ़कर 2.6 करोड़ गांठ रहने का अनुमान है जो 2011-12 में 2.53 करोड़ गांठ थी। इसमें कहा गया है कि भारत की निर्यात योग्य कपास आपूर्ति 2012-13 में केवल 60 लाख गांठ रहेगी जो कि इस साल 1.17 करोड़ गांठ रही थी। उत्पादन में गिरावट और ऊंची घरेलू मांग को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है। यूएसडीए ने कहा है हालांकि, किसानों की बुवाई योजनाओं के बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगा।( BS Hindi)
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