विश्व में काली मिर्च के सबसे बड़े उत्पादक व निर्यातक देश वियतनाम ने पिछले वित्त वर्ष में भारत के मुकाबले पांच गुना काली मिर्च का निर्यात किया। वियतनाम काली मिर्च संघ (वीपीए) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक काली मिर्च की जितनी मात्रा का निर्यात करने में भारत को पूरे साल लग गए, उसे वियतनाम ने महज तीन महीने (चौथी तिमाही जनवरी-मार्च) में पूरा कर दिया। कोई और उत्पादक देश वियतनाम के आसपास नहीं है, जबकि निर्यात के मामले में भारत का स्थान दूसरा रहा। पिछले वित्त वर्ष में वियतनाम ने 1,21,935 टन काली मिर्च का निर्यात किया, जबकि भारत से महज 25,500 टन काली मिर्च का निर्यात हुआ। निर्यात से भारत को 845 करोड़ रुपये मिले जबकि वियतनाम को 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा। वीपीए के चेयरमैन ने कहा - वैश्विक बाजार में काली मिर्च के कुल निर्यात में वियतनाम की हिस्सेदारी करीब 60 फीसदी रही।
वियतनाम में काली मिर्च के प्रसंस्करण के लिए 17 अत्याधुनिक फैक्ट्रियां हैं और इनकी सालाना क्षमता 60,000 टन है। इनमें से 10 फैक्ट्री अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों को पूरा करती है। वियतनाम 1980 के दशक के मध्य से काली मिर्च के उत्पादन में तब सक्रिय हुआ था, जब काली मिर्च के बाजार में भारत का वर्चस्व था। 1990 के दशक में वियतनाम ने धीरे-धीरे भारत को पीछे छोड़ दिया और पहले स्थान पर आ गया। काली मिर्च का कुल उत्पादन करीब 1.35 लाख टन है। भारत का सालाना उत्पादन मोटे तौर पर 40,000 टन है जबकि यहां हजारों सालों से खेती हो रही है। अब भारत अमेरिका व यूरोप जैसे पारंपरिक बाजार खोता जा रहा है क्योंकि साल दर साल निर्यात में कमी आ रही है। इसकी वजह कीमतों का ऊंचा रहना है। (BS Hindi)
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