पिछले महीने ग्वार और ग्वार गम वायदा कारोबार को निलंबित करने के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि अगर वास्तविकता में दूसरी जिंसों में भी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी होती है तो मंत्रालय वायदा बाजार आयोग से ऐसे कदम उठाने की सिफारिश करने से नहीं हिचकिचाएगा। मंत्रालय ने कहा कि ऐसे तथ्यों की जांच के बिना ऐसे कदम नहीं उठाए जा सकते।
हाजिर बाजार में कुछ जिंसों की कीमतों पर लगाम कसने और वायदा बाजार में उच्च उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए सरकार ने सभी हितधारकों और विशेषज्ञों की आठ सलाहकार समिति बनाने का फैसला लिया है। ये समितियां वायदा एक्सचेंजों पर कारोबार होने वाली सभी जिंसों (मुख्य रूप से आवश्यक जिंसों) की कीमतों में हो रहे उतार-चढ़ाव पर नजर रखेंगी। इसके अलावा उपभोक्ता मामलों के सचिव भी वायदा बाजार में कीमतों में हो रहे उतार-चढ़ाव की अलग से जांच करेंगे। यह रिपोर्ट 10-15 दिनों में सौंपी जाएगी।
ये कदम मेंथा तेल, इलायची, चना, काली मिर्च और सोया तेल जैसी जिंसों के वायदा कारोबार में असामान्य उतार-चढ़ाव को देखते हुए उठाए गए हैं और इसका असर हाजिर बाजार पर नजर आ रहा है। इसके अलावा उपभोक्ता मामलों का विभाग वित्त मंत्रालय की मदद यह सुनिश्चित करने में लेगा कि जिंस वायदा एक्सचेंजों में कहीं अवैध धन का हस्तांतरण तो नहीं हो रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री के वी थॉमस ने कहा कि वायदा बाजार में कुछ जिंसों की कीमतों में अचानक हो रहे उतार-चढ़ाव पर विभाग नजर रखे हुए है और इस पर लगाम कसने के लिए वह हर संभव कदम उठाएगा। इन कदमों में कुछ जिंसों के वायदा कारोबार पर पाबंदी की सिफारिश शामिल हो सकते हैं।
थॉमस ने कहा - हमारा मानना है कि वायदा बाजार में हाजिर बाजार की मांग व आपूर्ति के फंडामेंटल के हिसाब से फैसला होना चाहिए और यह महज बेहतर कीमत दिलाने वाला प्लैटफॉर्म होना चाहिए। लेकिन इस प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल होर्डिंग के लिए नहीं होना चाहिए। (BS Hindi)
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