राष्ट्रीय बागवानी
मिशन (एनएचएम) के तहत चालू वित्त वर्ष 2012-13 में 5.50 लाख टन की
अतिरिक्त कोल्ड स्टोरेज भंडारण क्षमता विकसित करने के लिए सब्सिडी जारी
करेगी। बीते वित्त वर्ष 2011-12 में 5.71 लाख टन कोल्ड स्टोरेज भंडारण
क्षमता विकसित करने के लिए सब्सिडी दी गई। यह एनएचएम के तहत निर्धारित
लक्ष्य ज्यादा थी।
एनएचएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि वित्त वर्ष 2011-12 में 5.25 लाख टन की अतिरिक्त क्षमता के कोल्ड स्टोर के निर्माण के लिए सब्सिडी देने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन इस दौरान 5.71 लाख टन की अतिरिक्त क्षमता के कोल्ड स्टोर के लिए सब्सिडी जारी की गई। उन्होंने बताया कि बागवानी फसलों के रख-रखाव के लिए इस समय देशभर में 640 लाख टन की क्षमता के कोल्ड स्टोर की आवश्यकता है जबकि केवल 270 लाख टन क्षमता के कोल्ड स्टोर ही उपलब्ध है।
एनएचएम राज्य सरकारों के माध्यम से सब्सिडी जारी करता है। किसानों को राज्य सरकार के बागवानी डायरेक्टर से पहले प्रोजेक्ट की मंजूरी लेनी होगी उसके बाद बैंकों से ऋण पास कराना होगा। बैंक से ऋण पास होने के बाद एनएचएम राज्य सरकार के माध्यम से निवेशक को सब्सिडी प्रदान की जाती है।
वित्त वर्ष 2011-12 में 116 कोल्ड स्टोर के निर्माण के लिए सब्सिडी जारी की गई जबकि वर्ष 2010-11 में 110 कोल्ड स्टोर के लिए सब्सिडी जारी की गई थी। वित्त वर्ष 2011-12 में सबसे ज्यादा कोल्ड स्टोर पंजाब में 29, गुजरात में 28, आंध्र प्रदेश में 21, मध्य प्रदेश में 14 और हरियाणा में 7 कोल्ड स्टोर के लिए एनएचएम ने सब्सिडी जारी की है।
उन्होंने बताया कि कोल्ड स्टोर निर्माण के लिए एनएचएम परियोजना की कुल लागत की 40 फीसदी सब्सिडी 5,000 टन भंडारण क्षमता के गोदाम पर प्रदान करता है। पहाड़ी तथा जनजातीय क्षेत्रों में 5,000 टन की क्षमता के कोल्ड स्टोर के लिए सहायता राशि 55 फीसदी है। सरकार बागवानी फसलों के रख-रखाव के लिए कोल्ड स्टोर, रेफ्रीजरेटर वेन, ग्रेडिंग तथा पैकेजिंग पर जोर दे रही है।
एनएचएम बागवानी फसलों, जड़ी-बूटियां, मसाले, औषधीय पौधे, बीज एवं नर्सरी, जैविक उर्वरक, मधुमक्खी पालन, खुंभी (मशरूम) और गिरीदार फलों की खेती के लिए भी राज्य सरकारों के माध्यम से किसानों को सब्सिडी देता है। सब्सिडी की दर राज्य और फसल के आधार पर अलग-अलग है। (Business Bhaskar....R S Rana)
एनएचएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि वित्त वर्ष 2011-12 में 5.25 लाख टन की अतिरिक्त क्षमता के कोल्ड स्टोर के निर्माण के लिए सब्सिडी देने का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन इस दौरान 5.71 लाख टन की अतिरिक्त क्षमता के कोल्ड स्टोर के लिए सब्सिडी जारी की गई। उन्होंने बताया कि बागवानी फसलों के रख-रखाव के लिए इस समय देशभर में 640 लाख टन की क्षमता के कोल्ड स्टोर की आवश्यकता है जबकि केवल 270 लाख टन क्षमता के कोल्ड स्टोर ही उपलब्ध है।
एनएचएम राज्य सरकारों के माध्यम से सब्सिडी जारी करता है। किसानों को राज्य सरकार के बागवानी डायरेक्टर से पहले प्रोजेक्ट की मंजूरी लेनी होगी उसके बाद बैंकों से ऋण पास कराना होगा। बैंक से ऋण पास होने के बाद एनएचएम राज्य सरकार के माध्यम से निवेशक को सब्सिडी प्रदान की जाती है।
वित्त वर्ष 2011-12 में 116 कोल्ड स्टोर के निर्माण के लिए सब्सिडी जारी की गई जबकि वर्ष 2010-11 में 110 कोल्ड स्टोर के लिए सब्सिडी जारी की गई थी। वित्त वर्ष 2011-12 में सबसे ज्यादा कोल्ड स्टोर पंजाब में 29, गुजरात में 28, आंध्र प्रदेश में 21, मध्य प्रदेश में 14 और हरियाणा में 7 कोल्ड स्टोर के लिए एनएचएम ने सब्सिडी जारी की है।
उन्होंने बताया कि कोल्ड स्टोर निर्माण के लिए एनएचएम परियोजना की कुल लागत की 40 फीसदी सब्सिडी 5,000 टन भंडारण क्षमता के गोदाम पर प्रदान करता है। पहाड़ी तथा जनजातीय क्षेत्रों में 5,000 टन की क्षमता के कोल्ड स्टोर के लिए सहायता राशि 55 फीसदी है। सरकार बागवानी फसलों के रख-रखाव के लिए कोल्ड स्टोर, रेफ्रीजरेटर वेन, ग्रेडिंग तथा पैकेजिंग पर जोर दे रही है।
एनएचएम बागवानी फसलों, जड़ी-बूटियां, मसाले, औषधीय पौधे, बीज एवं नर्सरी, जैविक उर्वरक, मधुमक्खी पालन, खुंभी (मशरूम) और गिरीदार फलों की खेती के लिए भी राज्य सरकारों के माध्यम से किसानों को सब्सिडी देता है। सब्सिडी की दर राज्य और फसल के आधार पर अलग-अलग है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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