पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) और एमसीएक्स-एसएक्स के बीच चल रहे विवाद को फिलहाल के लिए उच्चतम न्यायालय ने निपटा दिया है। दरअसल सेबी ने नियमों में संशोधन के लिए अदालत से समय मांगा है। इसके साथ ही सेबी ने एमसीएक्स-एसएक्स को स्टॉक एक्सचेंज का दर्जा देेने के आवेदन पर तीन महीने के भीतर फैसला करने का आश्वासन दिया है।
सेबी की ओर से अटॉर्नी जनरल जी ई वाहनवती ने बताया कि पिछले महीने आए बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बोर्ड बैठक कर नियमों में संशोधन के कुछ फैसले कर चुका है। एमसीएक्स-एसएक्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने सेबी को आवेदन पर दोबारा विचार करने के लिए एक महीने का समय दिया था। सेबी ने बंबई उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाले पीठ के समक्ष वाहनवती ने कहा कि सेबी के अधिनियम 2006 (मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में हिस्सेदारी बढ़ाने और सार्वजनिक होल्डिंग बरकरार) यानी एमआईएमपीएस रखने के नियम में संशोधन के लिए एक महीना काफी नहीं है। इसके लिए नियामक को कम से कम तीन महीने का समय चाहिए। इस पर सभी पक्षों ने सहमति जता दी।
सेबी के अनुसार उच्च न्यायालय के फैसले से स्टॉक एक्सचेंज को मान्यता देने से जुड़े दो मसले सामने आए। पहला, प्रतिभूति करार नियमन अधिनियम के तहत पुनर्खरीद करारों की अवैधता और अधिसूचना को उच्च न्यायालय ने अनदेखा कर दिया। इस मामले में मुश्किल भरा दूसरा पहलू यह था कि एमआईएमपीएस के नियम 8 के मुताबिक जिस व्यक्ति को किसी उद्देश्य के लिए एक साथ काम करने वाले समूह का हिस्सा माना जा रहा है क्या उसे यह साबित करना होगा कि उसका और समूह का उद्देश्य एक ही है। सेबी ने कहा कि इन दोनों मसलों पर उच्च न्यायालय का फैसला 'पूरी तरह त्रुटिपूर्ण' है।
वाहनवती ने कहा, 'सेबी जल्द ही नीतिगत फैसलों के अनुसार नियमों में जरूरी संशोधन करना शुरू कर देगा।' एमसीएक्स-एसएक्स की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि एक्सचेंज नियामक के साथ किसी तरह का विवाद नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि एमसीएक्स-एसएक्स नए नियमों के लागू होने के लिए तीन महीने इंतजार करने के लिए तैयार है और वह इनका पालन करेगा। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर एमसीएक्स-एसएक्स ने कहा, 'हमें हमेशा ही नियामकीय और न्यायिक तंत्र पर पूरा भरोसा रहा है। हम भारतीय पूंजी बाजार के विकास के लिए प्रतिबद्घ हैं।' (BS Hindi)
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