06 फ़रवरी 2009
जाड़े, पाले से सुरक्षित दलहन का उत्पादन अनुमान से ज्यादा
चालू वर्ष में जनवरी महीने के दौरान सामान्य से ज्यादा तापमान रहने से दलहन को फायदा हो सकता है। रबी दलहनों की प्रमुख फसलों चना, मसूर और मटर का उत्पादन 95 लाख टन अनुमान से भी ज्यादा रह सकता है। जाहिर है कि दलहन उत्पादन में बढ़ोतरी चुनावी साल में सरकार के लिए राहत की बात होगी।भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के क्रॉप इंप्रूवमेंट डिवीजन के प्रमुख डॉ. शिव कुमार ने बिजनेस भास्कर को बताया कि जनवरी महीने में तामपान एक या दो डिग्री भी नीचे चले जाने और पाला पड़ने से दलहन की फसलों में फूल को नुकसान होने का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन चालू फसल सीजन में दलहन उत्पादक राज्यों में जनवरी महीने में तापमान दो से पांच डिग्री सेल्सियस ज्यादा ही रहा है इसलिए पैदावार में तो बढ़ोतरी होने की संभावना है ही, साथ ही क्वालिटी भी बेहतर रहेगी। जनवरी महीने में अक्सर पाला पड़ता है जबकि इस साल जनवरी में पाला नहीं पड़ा है, जिससे फसल को फायदा ही हुआ है। हालांकि चालू सीजन में दलहन उत्पादक राज्यों में बारिश सामान्य से कम हुई है। इसके बावजूद दलहनों की पैदावार केंद्र सरकार के अनुमान 95 लाख टन से ज्यादा रह सकती है।कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार रबी दलहन की प्रमुख फसल चने की बुवाई बढ़कर चालू सीजन में 85.33 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले वर्ष इसकी बुवाई 77.93 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। इसी तरह से मसूर के बुवाई क्षेत्रफल में पिछले वर्ष के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। मसूर की बुवाई चालू रबी सीजन में 15.20 लाख हैक्टेयर में हुई है जोकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 13.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। दलहनों की कुल बुवाई चालू रबी सीजन में 136.92 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इनकी बुवाई 128.15 लाख हैक्टेयर में हुई थी। केंद्र सरकार ने रबी में दलहन उत्पादन का अनुमान 95 लाख टन होने का रखा है इसमें चने का उत्पादन 62 लाख टन होने का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष देश में चने का उत्पादन 59 लाख टन का हुआ था।केंद्र सरकार ने हाल ही में चने और मसूर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) क्रमश: 130 और 170 रुपये की बढ़ाकर 1730 और 1870 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। दलहन व्यापारी विजेंद्र गोयल ने बताया कि चने की कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में आवक शुरू हो गई है जबकि मध्य प्रदेश में 15 फरवरी तक तथा राजस्थान में मार्च के शुरू में नई आवक शुरू हो जाएगी। मसूर और मटर की नई फसल की आवक भी फरवरी के आखिर में शुरू होने की संभावना है।घरलू बाजारों में चना और मसूर के भावों में इस समय तेजी का रुख बना हुआ है लेकिन चालू माह के आखिर तक सबसे बड़े उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश में चने की आवकों का दबाव पर भावों में मंदे की उम्मीद है। मसूर की नई आवकों का दबाव फरवरी महीने में बनने की संभावना है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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