17 फ़रवरी 2009
उर्वरक सब्सिडी से सरकार को मिल सकती है राहत
केंद्र सरकार को वर्ष 2009-10 में उर्वरक सब्सिडी के मोर्चे पर खासी राहत मिलने की उम्मीद है। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के मुकाबले अगले वित्त वर्ष में सब्सिडी का बोझ तकरीबन 50 फीसदी तक घट जाएगा। केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए 49,980 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें से 8,580 करोड़ रुपये यूरिया सब्सिडी के लिए है। जबकि 7,800 करोड़ रुपये का प्रावधान आयातित यूरिया के लिए किया गया है। इसके अलावा किसानों को विनियंत्रित उर्वरक की रियायत पर बिक्री के लिए 33,600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उर्वरक उद्योग के जानकारों का मानना है कि 2009-10 में उर्वरक सब्सिडी का बोझ तकरीबन 50,000 करोड़ रुपये रहेगी लेकिन सब्सिडी के लिए आवंटित की गई धनराशि तकरीबन 15,000 करोड़ रुपये कम पड़ेगी। देश भर की उर्वरक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने बजट में उर्वरक सब्सिडी का प्रावधान तो अनुमान के मुताबिक ही किया है। मगर सरकार पिछले वित्त वर्ष की बकाया सब्सिडी के बारे में भूल गई। 2008-09 में उर्वरक सब्सिडी का बोझ तकरीबन 1,02,000 करोड़ रुपये रहा है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में उर्वरक सब्सिडी के लिए 30,986 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था जिसे संशोधन के बाद 75,849 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस लिहाज से 2009-10 में बकाया राशि करीब 15,000 करोड़ रुपये रहेगी। इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड के एमडी बी. डी सिन्हा ने बिजनेस भास्कर को बताया कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में नाफ्था और अन्य कच्चे माल की कीमतें वही रही जो अभी हैं तो 2009-10 के बजट में उर्वरक सब्सिडी के लिए किया गया 49,980 करोड़ रुपये का प्रावधान पर्याप्त रहेगा। केजी बेसन से गैस सप्लाई होने के बाद केंद्र सरकार को सब्सिडी के बोझ में काफी राहत मिलेगी। उर्वरक संयंत्रों को नाफ्था के मुकाबले गैस का इस्तेमाल करने पर लागत काफी कम आती है। इस वजह से कंपनियों के पास ज्यादा वर्किग कैपिटल रहेगी जो कि कंपनियों की वित्तीय सेहत के लिए फायदेमंद होगा। वहीं, उर्वरक सचिव अतुल चतुर्वेदी ने बताया कि सब्सिडी की बकाया राशि बहुत ज्यादा नहीं रहेगी। यह तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये के आस-पास रहेगी। (Business Bhaskar)
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