मुंबई February 01, 2009
वैश्विक मंदी के चलते मूल धातुओं की वैश्विक मांग में बहुत कमी आई है। इसका असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है।
इस सप्ताह भी इनकी कीमतें कम रहने का अनुमान है, क्योंकि लंदन मेटल एक्सचेंज के पंजीकृत गोदामों में माल जमा हो गया है।अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के हालिया अनुमानों के मुताबिक वैश्विक आर्थिक वृध्दि इस साल 0.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो हाल के वर्षों में सबसे कम है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भविष्यवाणी की है कि 2009 में वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास दर 1 प्रतिशत रहेगा, जबकि पिछले साल 2.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि लंबे समय से चल ही मंदी का असर बहुत व्यापक होगा और अमेरिका की अर्थव्यवस्था डिफ्लेशन की ओर जा सकती है। अमेरिका के वाणिज्य विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक चौथी तिमाही में अमेरिका की जीडीपी गिरकर 3.8 प्रतिशत रह गई है। यह 1982 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। गैर लौह धातुओं की मांग, अर्थव्यवस्था से नजदीकी से जुडी होती है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमजोर धारणाओं को देखते हुए इसमें गिरावट की पूरी उम्मीद है। इस समय आधार धातुओं का हाजिर बाजार में भाव वायदा बाजार को देखते हुए कम हो रहा है। इस क्षेत्र के एक विश्लेषक किशोर नार्ने ने कहा, 'इससे संकेत मिलता है कि धातुओं की मांग, जिनका जिंदगी के हर मोड़ पर इस्तेमाल होता है, आने वाले दिनों में कम रहेगी।' बड़े उत्पादकों द्वारा उत्पादन में कटौती किए जाने के बावजूद इन धातुओं की फेहरिश्त में बढ़ोतरी हो रही है। तांबे को देखें तो इसमें शुक्र वार को 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई जो 5 सितंबर के बाद का सबसे बड़ा उछाल है। एल्युमिनियम का भी स्टॉक बढ़ रहा है और वह अब तक का सबसे ज्यादा 29 लाख टन हो गया है। तांबे का प्रयोग घरों, कारों, और अन्य उपयोगी वस्तुओं में किया जाता है। इसकी कीमतें 30 जून के बाद से 60 प्रतिशत से ज्यादा गिरी हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंद पड़ने से मांग और आपूर्ति दोनो प्रभावित है। एक विश्लेषक का कहना है कि इस समय उद्योगों में प्रयोग में आने वाली धातुओं का बाजार मंद रहेगा, क्योंकि वहां से मांग बहुत ही कम हो गई है। बहरहाल तांबे में पिछले सप्ताह ही 3.76 प्रतिशत की कमी आई है और वह 3139 डॉलर पर बंद हुआ। निकेल इस सप्ताह के अंत में 4.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11269 डॉलर पर बंद हुआ वहीं जिंक 7 प्रतिशत कमजोर हुआ और 1084 डॉलर पर बंद हुआ। एमसीएक्स में, कॉपर की कीमतें कमजोरी के साथ 160.40 रुपये प्रति किलो पर खुलीं। उसके बाद इसमें तेजी देखी गई और 173.75 रुपये पर थोड़ी स्थिरता भी देखी गई। बाद में कीमतों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई लेकिन बाद में 153.55 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। अंत में 1.70 रुपये की गिरावत साथ 157.60 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ। हाल के महीनों के सौदों में जिंक और निकेल कमजोरी के साथ शुक्रवार को क्रमश: 550.9 और 53.8 रुपये प्रति किलो पर बंद हुए। नार्ने का अनुमान है कि तांबे में गिरावट आएगी और यह 151 रुपये प्रति किलो पर आएगा वहीं निकेल और जिंक गिरकर 530 रुपये प्रति किलो और 52 रुपये प्रति किलो पर पहुंच सकता है।एमएफ ग्लोबल लिमिटेल का अनुमान है कि तांबे की औसत कीमत 2009 में 3,250 डॉलर प्रति टन, एल्युमिनियम 1,250 डॉलर प्रति टन और जिंग 1050 डॉलर प्रति टन पर चला जाएगा। (BS Hindi)
02 फ़रवरी 2009
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