नई दिल्ली 02 04, 2009
साल 2003 में खबरों की सुर्खियों में रही सुनीता नारायण, जिन्होंने पेप्सी और कोक जैसे शीतल पेय में कीटनाशकों की मौजूदगी का दावा किया था, ने अब वनस्पति उद्योग पर हाई ट्रांस वसा स्तर के लिए निशाना साधा है।
नारायण के नेतृत्व वाली सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट ने प्रमुख वनस्पति ब्रांड जैसे डालडा, रथ, राग और गगन पर शोध किया और पाया कि सभी नमूनों में खतरनाक ट्रांस वसा का स्तर काफी अधिक है। इनमें से कुछ ब्रांड कारगिल और बुंगे जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हैं।
नारायण ने आज संवाददाताओं को बताया, 'विश्व भर में ट्रांस वसा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय तरीकों के जरिये बाजार के अग्रणी ब्रांडों में ट्रांस वसा की मात्रा के अध्ययन का प्रयास किया है। सभी वनस्पति ब्रांडों में हमें ट्रांस वसा की मात्रा अधिक मिली है।'
जांच में पाया गया है कि सभी वनस्पति ब्रांडों में ट्रांस वसा का स्तर विश्व के एकमात्र मानक, जिसे डेनमार्क में तय किया गया है, से 5 से 12 गुना अधिक है। मानक स्तर 2 प्रतिशत का है।
आदी विल्मर के प्रवक्ता के वार्ष्णेय ने कहा, 'अदानी विल्मर ग्राहकों को बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबध्द है। हमें यह जानकारी नहीं है कि सीएसई के अध्ययन का सरोकार हमसे हैं या नहीं। वनस्पति का उत्पादन हाइड्रोजिनेशन प्रक्रिया द्वारा किया जाता है और यह सर्वविदित है कि इस प्रक्रिया में ट्रांस वसा अम्ल बनता है। भारतीय खाद्य नियम इस प्रकार की वसा की कोई सीमा निर्धारित नहीं करते हैं।'
कंपनियों के सभी दावों के बावजूद कड़वी सच्चाई यह है कि बाजार में बिकने वाले वनस्पति स्वास्थ्यकारी है या नहीं यह कोई निश्चित रूप से नहीं कह सकता। सीएसई की विज्ञप्ति में कहा गया है, 'वास्तव में, जिस वनस्पति को आप स्वास्थ्य के लिए बेहतर समझते हुए खाते हैं उसमें ट्रांस वसा हो सकती है जिससे हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर रोग हो सकते हैं।' सीएसई के शोधकर्ताओं ने कहा कि मानक निर्धारित करने में विलंब हो रहा है।
विभिन्न वनस्पति ब्रांडों की तुलना
वनस्पति ब्रांड निर्माता ट्रांस फैट सामग्री पनघट सिएल 23.7राग अडानी विल्मर 23.31गगन अमृत वनस्पति 14.82जेमिनी कारगिल इंडिया 12.72डालडाबंज इंडिया 9.4 (BS Hindi)
04 फ़रवरी 2009
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