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03 फ़रवरी 2009

मंदी में भी नहीं घटी अंडे की मांग

नई दिल्ली February 03, 2009
संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे। मंदी में भी यह कहावत चरितार्थ हो रही है। दिल्ली में अंडे की खपत में कोई कमी नहीं आयी है। दिल्ली व आसपास के इलाकों में अंडे की रोजाना खपत की तादात अब भी 50 लाख के आसपास बरकरार है।
जामा मस्जिद स्थित अंडे के थोक कारोबारियों ने बताया कि अंडा अब लोगों के रोजाना के खानपान का हिस्सा बन चुका है। पांच-सात साल पहले तक गर्मियों के दौरान अंडे की बिक्री में 70 फीसदी की गिरावट आ जाती थी, लेकिन अब ऐसी बात नहीं रही।
अब तो गर्मी के दौरान बिक्री में अधिकतम 25 फीसदी तक की कमी दर्ज की जाती है। अंडे के थोक कारोबारी आसिफ कहते हैं कि इस साल नवंबर से जनवरी माह के दौरान भी अंडे के कारोबार में कोई गिरावट नहीं हुई।
हालांकि डेढ़ माह पहले अंडे की थोक कीमत 253 रुपये प्रति सैकड़ा तक चली गयी थी। फिर कारोबार पुरानी रफ्तार से चलता रहा। हालांकि कारोबारी सत्तार इससे इत्तफाक नहीं रखते। वे कहते हैं कि मंदी के कारण थोड़ा फर्क तो उनके कारोबार भी हुआ है। यह अलग बात है कि यह बहुत ही मामूली है। अधिकतम 1-2 फीसदी।
इन दिनों अंडे की कीमत 185 रुपये प्रति सैकड़ो चल रही है और अगले सप्ताह तक यह 180 रुपये प्रति सैकड़ा के स्तर पर आ जाएगी। दिल्ली में अंडे की आवक मुख्य रूप से हरियाणा एवं पंजाब से होती है।
दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके से ही पूरी दिल्ली के अलावा आसपास के 100 किलोमीटर तक के इलाकों में इसकी आपूर्ति की जाती है। दिल्ली में अंडे के बड़े कारोबारियों की संख्या 25 के आसपास है। (BS Hindi)

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