नई दिल्ली January 01, 2009
प्याज की कीमत थमने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि सरकार ने इसके दाम पर काबू पाने के लिए प्याज निर्यात के न्यूनतम मूल्य में 50 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी भी की है।
लेकिन आवक में कमी के कारण इसके मूल्य में फिलहाल कमी के आसार नहीं लग रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले प्याज की आवक में 120 क्विंटल तक की कमी बतायी जा रही है। इन दिनों प्याज की आवक मुख्य रूप से गुजरात, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश से हो रही है।कारोबारियों के मुताबिक पिछले साल दिल्ली की मंडियों में इस दौरान रोजाना 360-420 क्विंटल प्याज की आवक हो रही थी जबकि इस साल यह मात्र 240-250 क्विंटल है। दिल्ली की मंडी से ही उत्तर भारत की अन्य मंडियों में प्याज की आपूर्ति की जाती है लिहाजा उन मंडियों में दिल्ली के मुकाबले प्याज की कीमत अधिक है।गुरुवार को दिल्ली की मंडी में प्याज की कीमत 1500 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर रही। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसी जगहों पर प्याज की कीमतों में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले क्रमश: 188, 152 व 133 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में हरियाणा में प्याज की कीमत 1438 रुपये प्रति क्विंटल रही जबकि पिछले साल यह कीमत मात्र 499 रुपये प्रति क्विंटल थी। उत्तर प्रदेश में पिछले साल दिसंबर में प्याज 527 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिक रहे थे जो कि इस साल समान अवधि के दौरान इसके भाव लगभग 1250 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर है।कारोबारियों ने बताया कि प्याज की कीमतों में अब बहुत अधिक बढ़ोतरी की संभावना नहीं है और आने वाले समय में इसकी आवक बढ़ने पर कीमत में कुछ गिरावट ही आएगी। लेकिन पिछले साल के स्तर पर प्याज का आना मुमकिन नहीं दिख रहा है। उन्होंने बताया कि दक्षिण भारत में बारिश के कारण प्याज की फसल बर्बाद हुई है और इस साल इन्हीं कारणों से गुजरात में भी फसल कम बतायी जा रही है। हालांकि प्याज की आवक में बढ़ोतरी की अभी पूरी गुंजाइश है इसलिए अब इसकी कीमत कम होने लगेगी। कारोबारियों के मुताबिक निर्यात में बढ़ोतरी से भी प्याज की कीमतों पर फर्क पड़ रहा है। यही कारण है कि सरकार लगातार प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य में बढ़ोतरी कर रही है। दिसंबर मध्य में भी प्याज के निर्यात मूल्य में 25 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी की गयी थी। अप्रैल में राजस्थान व पंजाब में प्याज की नयी फसल तैयार होने के बाद इसकी कीमत पिछले साल के स्तर पर आ सकती है। (BS Hindi)
02 जनवरी 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें