13 जनवरी 2009
भारत से स्टेनलैस स्टील के निर्यात में गिरावट
चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत से स्टेनलैस स्टील के निर्यात में करीब 20-25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वैश्विक बाजारों में कीमतों के मामले में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और वित्तीय मंदी की वजह से निर्यात मांग में कमी देखी जा रही है। जानकारों के मुताबिक मौजूदा समय में वैश्विक बाजारों में भारतीय इस्पात गुणवत्ता और कीमत के लिहाज में प्रतिस्पर्धी नहीं है। घरलू इस्पात की कीमतों में निचले स्तर से बढ़त हो चुकी है। वहीं उत्पाद में निकिल की मात्रा महज 1-4 फीसदी ही है। जबकि वैश्विक बाजारों में करीब 7.8 फीसदी वाले स्टेनलैस स्टील मौजूद हैं। भारत प्रति वर्ष करीब 18 लाख टन स्टैनलेस स्टील का उत्पादन करता है। जिसमें से करीब देा तिहाई हिस्सा घरलू बाजारों में खप जाता है। करीब चार से पांच लाख टन स्टेनलैस स्टील प्रति वर्ष निर्यात होता है। भारतीय स्टेनलैस स्टील विकास संघ के अध्यक्ष एन सी माथुर के मुताबिक अक्टूबर-दिसंबर के दौरान घरलू स्तर पर उत्पादन में भी कमी आई है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष के दौरान उत्पादन का स्तर पिछले साल से कम या कमोबेश बराबर रह सकता है। तमाम देशों में आर्थिक संकट पैदा होने के कारण वहा स्टेनलैस स्टील की मांग लगातार घट रही है।दूसरी ओर भारत व चीन समेत उत्पादक देशों ने निर्माताओं के पास स्टॉक इकट्ठा होता जा रहा है। विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा काफी ज्यादा बढ़ने की वजह से भारतीय निर्यातकों को पर्याप्त आर्डर नहीं मिल पा रहे है। इसी का नतीजा है कि स्टेनलैस स्टील का निर्यात घट रहा है। जानकारो का अनुमान है कि स्टेनलेस स्टील के निर्यात की स्थिति अगले कुछ महीनों में भी ऐसे ही रहेगी। (Business Bhaskar)
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